खामोश हूं, पर अनजान नहीं...!!
बेटी को छूने से पहले
छूने वाला भी सौ बार भी डरेगा...!!
नारी ने दी हर बार भी कुर्बानी आंचल में है दूध ,और आंखों में है पानी ...!!
एक मां जैसा फरिश्ता जरूर देना .
जब मैं खुद मां बन पाई
मां के रूप में एक फरिश्ता
मैं भाइयों के पास छोड़ आई..!!
जान हथेली पर रखते देखा
यूं ही नहीं बन जाती वो माँ
अपनी जान पर खेलते देखा....!!
मर्द को जन्म देकर भी
मै सौ मर्दो पर भारी हूं ....!!
दीपक चाहिए आरती के लिए
बूंद चाहिए समंन्दर के लिए
लेकिन एक स्त्री ही काफी है
घर को स्वर्ग बनाने के लिए...!
* लोग क्या सोचते ये सोचकर कभी परेशान मत होना क्योंकि लोगों का तो काम है अमरूद खरीदते समय पुछते है मीठे है क्या और घर जाकर नमक लगाकर खाते है ..!!
* एक इन्सान वर्तमान भविष्य और भूतकाल सब कुछ जानना चाहता है लेकिन खुद को नहीं जानना चाहता है
. अपने दुखों का कारण भगवान् से मत पुछो कभी अपने अन्दर भी झाँक कर देखो ...!!
. हँसते हँसाते रहिये, इसी का नाम जिंदगी है, ये हुनर खुदा ने इन्सान को ही दिया है ,जानवरों को नहीं ..!!
*अगर जिन्दगी कुछ सिखना है तो नमक से सिखीये जो सब्जी मे होता तो है, पर किसी को दिखाई नहीं देता..!
. इच्छाए कभी खत्म नहीं होती मरने के बाद भी इन्सान जन्नत माँगता है।
.*अपने आप को कभी किसी से कम समझो आप बहुत किस्मत वाले हो आप को भगवान् ने इन्सान बनाया है जानवर नहीं ...।।
* कलयुग का दौर है सहाब,
नंगे जिस्म को ढकने के लिए कोई पैसा नहीं देता ,और औरत का नंगा जिस्म देखने के लिए अपनी दौलत लुटाता है.
* वो भी कया दिन थे लोगों के घर कच्चे थे ,पर लोगों के दिल सच्चे थे..!!
* घड़ी किसी किसी के पास होती थी पर समय सबके पास होता था।
. ना जिम था ना कोई कराटे थे लेकिन फिर भी सब फिट थे।
* टीवी पर बस चित्रहार था ,माँ हाथों की सब्जी किसी शाही पनीर से कम नही था ।
. ना जाने लोग कैसे हो गये, अपने ही अपनों से दुर हो गये ..।
ना कोई फोन, ना वाटसअप और ना फेसबुक थी, फिर भी चिटठी के जरिए सबको अपनों की खबर थी।
. साईकिल किसी किसी के पास थी लेकिन चैन सबके पास था ।
पहले लोग खाना घर खातें थे और सोच के लिए बाहर जाते थे लेकिन अब खाना बाहर खाते हैं और सोच घर में करते है ।
. पहले फिल्मों में ही हीरोहीन के कपड़े ज्यादा और पैसे कम मिलते थे अब कपड़े कम और पैसे ज्यादा मिलते है
* पहले टीवी पर लोग सिर्फ चित्रहार
से ही गाने सुनते थे, तब लोग वो चार गाने सुनकर टेंशन फ्री हो जाते थे अब लोग YouTube से मनचाहे गाना सुनते हैं लेकिन खुश फिर भी नहीं है ...!!
निष्कर्ष -जिंदगी बहुत ही अनमोल है इसको जितना भी जिए हंस कर और टेंशन फ्री होकर जिए।
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