राम मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य | unknown facts about ram mandir |

राम मंदिर के रोचक तथ्य- अयोध्या में इस साल 12 नवंबर 2023 को राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है और इस मंदिर ने अबकी बार 25 लाख दिए जलाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना बनाया है।  भारत में बहुत सारे मंदिर है जिनकी अपने अलग-अलग विशेषता और महत्व है । भारत को भगवान की राम भूमि के नाम से भी जाना जाता है।अयोध्या के इस स्थान को भगवान राम के जन्म भूमि के रूप में जाना जाता है। अयोध्या को अवध शहर के नाम से भी लोग जानते हैं ।यह पवित्र धर्म स्थान फैजाबाद के पूर्व में घाघरा नदी के ऊपर है। इसमें बहुत सारे मंदिर हैं। यह प्राचीन काल से भारत के सबसे प्रमुख शहरों में से एक है ।

बहुत लंबे समय के बाद अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हुआ है। जिसका निर्माण शुरू  5 अगस्त को भगवान राम के जन्म भूमि के लिए भूमि का पूजन का आयोजन किया गया था।  

आज हम आपको अयोध्या नगरी के राम मंदिर के बारे में कुछ ऐसी रोचक तथ्य बताने जा रहे हैं जो आपने पहले नहीं सुने होंगे। आइए  जानते हैं अयोध्या नगरी के राम मंदिर के बारे में कुछ रोचक तथ्य। 


■ मंदिर के लिए विशेष श्री राम ईंटे-

इस मंदिर के लिए तमिलनाडु के साधु सोने और चांदी से बनी दो इंटे लेकर आये हैं। जिन पर तमिल भाषा में श्री राम लिखा हुआ है सोने और चांदी के इन इंटो को राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र को दान किया जाएगा जिसका उपयोग मंदिर निर्माण के लिए किया गया है। अयोध्या में शिलान्यास होने से पहले 1989 में देश भर के भक्तों से राम सिल्स नामक इन इंटो का एकत्रित किया गया था।

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2587 के स्थान से पवित्र मिट्टी का इस्तेमाल किया गया है-

 राम मंदिर की नींव रखने के लिए कहीं धार्मिक स्थानों से पवित्र मिट्टी इकट्ठी गई है। भारत में 2587 पवित्र स्थान है।  इन सभी धर्म स्थानो से मिट्टी को लाया गया है

 जिसमें हल्दीघाटी, यमुनोत्री, झांसी का किला, कानपुर  चित्तौड़गढ़,  नरसंहार घाट,  शिवाजी का किला, बिठूर में ब्रह्मा जी की खूँटी,  प्रयाग में चंद्रशेखर शहीद हुए, स्वर्ण मंदिर, नाना राव पेशवा किला, बंगाल, केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगा जैसे  प्रमुख स्थान शामिल हैं। मेघालय में जोवाइ  कामाख्या मंदिर रामेश्वर में अग्नि सिद्धांत और साथ ही आगरा में बटेश्वर गांव में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के पैतृक घर से भी मिट्टी लाई गई है।


150 नदियों का पवित्र जल उपयोग -

इस मंदिर की नींव रखने में 150 नदियों के पवित्र जल का भी प्रयोग किया गया है। जिसे दो भाइयों राधेश्याम पांडे और शबद वैज्ञानिक महाकवि त्रिफला द्वारा एकत्रित किया गया है। इस संग्रह में आठ नदियों तीन सागर और श्रीलंका के 16 स्थानो से पवित्र जल है इसके अतिरिक्त मानसरोवर के पवित्र  जल को भी लाया गया है।  मेघालय के जयंतिया हिल्स म्येनडू और मयंतांग में भी दो नदियों से पानी को इकट्ठा किया गया है। पश्चिम जयंतिया हिल्स में 600 साल पुराना दुर्गा मंदिर है इसे एक पवित्र स्थल माना जाता है यहां से भी जल लाया गया है । 


टाइम कैप्सूल- 

इस  मंदिर के निर्माण के समय 2000 फीट नीचे की दूरी पर एक टाइम कैप्सूल रखा गया है। इस टाइम कैप्सूल का मकसद  यह है कि सालों बाद भी यदि कोई श्री राम जन्मभूमि के बारे में जानना चाहता है तो इसे जान सकता है। कैप्सूल में राम जन्मभूमि अयोध्या और भगवान राम से संबंधित सभी तथ्य शामिल हैं।


■ इस मंदिर के निर्माण के समय लोहै और स्टील का कोई उपयोग नहीं किया जाएगा 

मंदिर बनने से पहले इस बात का निर्णय लिया गया था कि मंदिर के निर्माण केवल पतथरो का प्रयोग करके ही किया जाएगा इसे बनाने के लिए किसी भी तरह के लोहे और स्टील का प्रयोग नहीं किया जाएगा। निर्माण के लिए केवल लकड़ी , सफेद सीमेंट और तांबे का उपयोग किया गया है।


भगवान हनुमान के जन्म भूमि से पत्थर का उपयोग किया जाएगा-

 मंदिर के निर्माण के लिए यह भी निर्णय लिया गया था कर्नाटक के अजनदरी हिल से पत्थर जिसे भगवान हनुमान की जन्म भूमि कहा जाता है उसका उपयोग राम मंदिर के निर्माण के लिए किया गया है।

मंदिर का आर्किटेक्ट- 

मंदिर को सोमपुरा आर्किटेक्ट्स द्वारा बनाया गया है अहमदाबाद स्थित 15 पुरी के वास्तुकार परिवार जो सोम पुरीवासी जिन्होंने भारत और विदेश में 200 से अधिक मंदिरों का निर्माण किया है। उनको इस मंदिर का निर्माण के लिए आर्किटेक्ट चुना गया है।

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण चंद्रकांत सोमपुरा ने 30 साल ने पहले मंदिर का स्केच डिजाइन किया था जिसे अब संशोधित और पुण्य उपयोग किया जा रहा है। सोमपतियों ने गुजरात में सोमनाथ मंदिर और दिल्ली के  अक्षरधाम  मन्दिर  को डिजाइन किया  है।  साथ में मुंबई में स्वामीनारायण मंदिर और कलकता में  बिरला मंदिर भी इन्हीं के द्वारा बनाए गए हैं। ।


सोने और चांदी का दान-

सोने और चांदी की ईंटों का दान , राम मंदिर के निर्माण के लिए पूरे भारत से सोने और चांदी की ईंटों का दान राम मंदिर ट्रस्ट को किया गया है। इस काम के लिए सेलिब्रिटी से लेकर राजनेताओं तक भी सभी का योगदान रहा है। मंदिर के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश बुलियन एसोसिएशन ने 33 किलो से अधिक वजन की चांदी की ईंटे  दान में दी हैं।  हैदराबाद के स्वयंसेवी संगठन पवन कुमार फाउंडेशन राम मंदिर के निर्माण के लिए मंदिर ट्रस्ट को 34 चांदी और सोने की ईटों  दान करी हैं।  तमिलनाडु के  संतों ने भी तमिल में श्री राम के साथ दो सोने और चांदी की ईंटे दान की हैं। सोने की ईंट का वजन 5 किलो और चांदी की ईंट का वजन लगभग 20 किलो है। अहमदाबाद के जैन समुदाय ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए 24 किलो चांदी की ईंटे  भी दान की है। कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भी कांग्रेस की ओर से 11 चांदी के इंटे दान करने की घोषणा की है।  इस प्रकार बहुत सारे लोगों ने सोने और चांदी की ईंटों का दान करके इस मंदिर के निर्माण में सहयोग किया है।

राम मंदिर के निर्माण के लिए सिर्फ सोने और चांदी ही  नहीं बल्कि भारी मात्रा धन का दान किया गया है ।जिसमें आध्यात्मिक गुरु मुरारी बापू ने 5 करोड रुपए दान किया है। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी ₹6 लख रुपए का दान दिया है। जबकि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 11 लख रुपए दान दिया है।


मंदिर की अन्य विशेषताएं -

इस मंदिर की दो मंजिला बनाया है।  मंदिर की लंबाई 268 फीट चौड़ाई 140 फीट और ऊंचाई 128 फिट है। भूमि तल में भगवान राम के जन्म और उनके बचपन की कहानी को चित्रित किया गया है। जबकि पहली मंजिल में राम दरबार का एक लेआउट है। मंदिर का निर्माण बंसी पहाड़पुर नमक गुलाबी बलवा पत्थर का प्रयोग करके किया गया है। जिसमें राजस्थान के भरतपुर से लाया गया है। राम मंदिर 10 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा और शेष 57 एकड़ मंदिर परिसर के रूप में विकसित किया जाएगा संरचना में 5 मंडप हैं।

 मुख्य संरचना में 360 स्तंभ होंगे और इसे वास्तु शास्त्र को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। प्रतिष्ठित शैली में निर्मित करने  के लिए विशेष  शिल्पाकारो को  मंदिर के निर्माण में शामिल किया गया है।

राम मंदिर का वर्ल्ड रिकॉर्ड-

 इस बार 12 नवंबर 2023 को 25 लाख दिए जलाकर इस मंदिर ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले किसी भी मंदिर में इतनी दिए नहीं जलाए गए । जितनी अब की बार इस दिवाली पर जलाए गए है।

निष्कर्ष- यह थे राम मंदिर से जुड़े कुछ ऐसे रोचक  तथ्य। अयोध्या राम की जन्म भूमि है और इसको बनाने में लगभग तीन चार साल लग चुके हैं यह अभी तक सबसे ज्यादा सुंदर मंदिर मंदिरों में शामिल है।धन्य है वह हाथ जिन हाथों ने इस मंदिर का निर्माण किया है।

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