सकारात्मक सोच के लाभ | सकारत्मक विचारों का जीवन पर क्या असर होता है | Think Positive |

सकारत्मक विचारों के फायदे -

एक इंसान प्रतिदिन में कितनी तरह के विचार एक दिन में आते हैं और इन सभी विचारों का हमारे स्वास्थ्य पर और हमारे जीवन शैली पर बहुत प्रभाव पड़ता है। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताने की कोशिश करेंगे कि सकारात्मक विचारों का सोचाना हमारे लिए किस प्रकार काम करता है और क्या लाभ है। सकारात्मक विचारों को जितना हो सके एक इंसान को जज्यादातर अपने लिए सकरात्मक ही सोचना चाहिए। 

 

अगर दिमाग में नेगेटिव थॉट्स आते भी हैं तो उनको तुरंत खत्म करके अपने लिए हमेशा अच्छा सोचो यह कुछ लोगों के अनुभव किए गए प्रयोग हैं।


सकारात्मक रहने का तरीका-

 जिस घर में नित्य पूजा-पाठ, प्रार्थना, भजन, कीर्तन, नाम जप, आराधना, हवन, गीता, रामायण, आदि सद्ग्रन्थों का पाठ होता है, उस घर में परिवार में सच्ची सुख शान्ति का वास हमेशा रहेगा ही।

 हर दिन हर पल शुभ होता है। प्रत्येक दिन को प्रत्येक क्षण को शुभ मानना चाहिए उसका हस कर स्वागत करना चाहिए। यदि किसी प्रकार की आपको शिकायत है. किसी बात का दुखः है किसी बात को लेकर रोना आता है तो एकान्त में प्रभु के सामने रोना, उनको ही अपना दुखड़ा सुनाना वह जरूर सुनेगा और आपके कष्टों को जरूर दूर भी करेगा, मगर संसार के सामने न रोएँ किसी को अपना दुःख न कहें, वह उल्टा आप पर हंसेगा।



मनुष्य जीवन में मनोनुकूल स्थिति, या हम जैसा चाहते हैं वैसा कभी-कभी तो हो सकता है, मगर वैसी मनोनुकूल स्थिति लम्बे समय तक नहीं रहेगी, और ज्यादा, समय तक दुःख, निराशा और चिन्ता ही रहेगी और जीवन में अधिक समय तक दुःखी ही रहेंगें। अतः प्रमु हमें जैसी भी स्थिति में रखना चाहता है उसी को अनुकूल मानकर हंसते रहना आनन्ददायक रहेगा। परिवार में पूर्ण शांति रहेगी। 

 मनुष्य के विचार कमी व्यर्थ नहीं जाते। हमेशा अच्छे-अच्छे विचार सुविचार करें। विचारों की सफलता में संदेह बिल्कुल भी न करें।

विचार तत्काल सफल हो जायें यह जरूरी नहीं है. कोई विचार तो जल्दी ही साकार हो जाता है. कोई-कोई विचार को साकार होने में लम्बा रामय भी लग सकता है।

 मगर सफल होंगे जरूर जरूर, अतः पूर्ण आस्था के साथ अच्छे-अच्छे विचार ही करने चाहिए, बुराई या नुकसान दुश्मन की भी न सोचें। 

 जब तुम आनन्द के पीछे मागते हो, दुःख तुम्हारा पीछा करता है। जब तुम ज्ञान के पीछे चलते हो, आनन्द तुम्हारा पीछा करता है।

जब तुम्हें दुःख अनुभव होता है. यह समझो कि तुम्हारा विवेक दब गया है। आसक्ति श्वास में व्यग्रता लाती है और यह व्यग्रता मन की शांति ले लेती है। तब तुम बिखर जाते हो, टूट जाते हो और दुःख के शिकार हो जाते हो। इससे पहले कि तुम ज्यादा बिखर जाओं, अपने आप को संभालो और समर्पण साधना द्वारा अपने श्वास के ज्वर से मुक्त हो जाओ। 

जिंदगी के उतार चढ़ाव -

दुर्भाग्यवश, अधिकांश व्यक्ति इसे समझाने में देर कर देते हैं। जब कोई आसक्ति के सागर में डूब रहा हो, शरणागति वह 'लाईफ जैकेट' है जिसे पहनकर वह राहत, उद्धार की प्रतीक्षा कर सकता है।

 बुद्धिमान तो वह है, जो सब में सब होकर बैठा है उस पर निगाह डालें। मोह-ममता का त्याग करे, संकीर्णता का त्याग करें, अहंकार का त्याग करे। उद्वेग और आवेश को त्यागे, विषय-विकारों का त्याग करें। ऐसा त्याग तब सिद्ध होगा जब आत्मज्ञान की निगाहों से देखोगे। 


 हमारा जीवन मुख्यत :अचेत मन की धारा में बहता है. इसमें सकारात्मक चेतना का प्रवाह अति आवश्यक है। इसलिए स्पष्टतः दृढ व सकारात्मक विचारों से अपनी दिनचर्या शुरू करें। 


मानसिक संकल्प करें -

कि मुझे अपने में, अपने व्यवहार में तथा अपने काम में जो में कर रहा हूँ, पूर्ण विश्वास है। में अपना हर काम व व्यवहार दृढ़ता एवं अटूट विश्वास से कर रहा हूं, इसलिए में विजयी और सकारात्मक बनूंगा। 

मुझमें सार्वभौमिक शक्तियां है, अतः किसी से भयमीत होने का प्रश्न ही नहीं उठता। इधर-उधर मटकते रहने से तथा दूसरों को खुश करते रहने से अच्छा यही है कि मनन व आत्म उपदेश रूपी नाभी में छुपी कस्तूरी को पहचानें। 


बच्चों को संस्कारवान बनाये- 

अपने बच्चों को आरंभ से ही यही सिखाएं।  मन को हमेशा किसी न किसी कार्य में लगाये रखों दोनों मनों को एक करके रखो खाली मन में, शैतान का प्रवेश हो जाता है और पाप कर्म, अनिष्ट कर्म में प्रवृत्त करता है।

 सकारात्मक सोच का प्रभाव-

सकारात्मक सूचना हर किसी के बस की बात नहीं होती कभी-कभी इसके लिए कई बार बहुत ज्यादा प्रयास करना पड़ता है जीवन इतना कठिन हो जाता है कि हम ज्यादातर नेगेटिव नजरिए से देखना चाहते हैं अपने दैनिक जीवन में नेगेटिव ऊर्जा को हावी न होने दे बल्कि उसकी बजे सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने की चुनौती दें जब आप खुद को खुले और सकारात्मक विचारों से काम करने की इजाजत दोगे दिमाग को तो इसका अभ्यास करना और भी आसान हो जाता है ।दुनिया में लोगों को अलग-अलग नजरिया से देखने की कोशिश करें ।



नकारत्मक विचारों का असर- 

जब हम किसी भी काम को लेकर बार-बार असफल होते हैं तो ऐसे में हमारे अंदर नकारात्मक विचार उत्पन्न होने लग जाते हैं जो हमें एक तरह से अवसाद की स्थिति पैदा कर सकते हैं। नकारात्मक विचारों के परिणाम दुनिया और लोगों के प्रति गलत दृष्टिकोण विकसित होता है। इसलिए यदि संभव हो तो जीवन में हमेशा अच्छी रखे यह नजरिया  हमारे लिए बहुत ही काम करता है।  अच्छा सोचना हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाता है और साथ में हमारा मानसिक स्थिति को भी अच्छी स्थिति में रखता है।


निष्कर्ष-

 हमारा सकारात्मक नजरिया लोगों को देखने का तरीका बदल देता है सकारात्मक दृष्टिकोण आपको समस्या से बाहर निकलने में मदद करता है। क्योंकि हमारी सकारात्मक सोच के साथ देवता भी हमारे अंदर निवास करते हैं। उदाहरण के लिए ऐसे समझे कि जहां पर नेगेटिविटी है वहां पर भूत निवास करते हैं और जहां पर पॉजिटिव सोच है वहां पर भगवान निवास करते हैं । इसलिए जितना भी हो सके अपने और अपनों के प्रति सकारात्मक सोच और सकारात्मक ही देखें।


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