Tittle- राम नाम का जाप कब और कैसे करें-
आज के इस लेख में राम नाम की महिमा का वर्णन है और राम नाम का महामंत्र किस तरह से जाप करें और कैसे करें और कहां पर करें।राम नाम एक महामंत्र है ---
गोस्वामी तुलसीदास जी के अनुसार हरि नाम का जो महामंत्र है,इसमें समय का विधान नहीं है जब जागो राम नाम का जप कर लो। विभीषण जब जागता था तभी राम राम बोलने जाप शुरू कर देता था।इसको जाप को करने के लिए कोई धूप दीप करो यह अच्छी बात है किंतु जरूरी नहीं मंत्र जाप में दीप जलाओ मंत्र खुद शिव ज्योति है,यह जय मणि है। इसके लिए कोई दीप जलाने की जरूरत नहीं है लेकिन जरूरी नहीं है कि दीप जलाने का कोई बंधन भी नहीं है। मंत्र की जो परिभाषा है मंत्र का जप विश्लेषण है वह है मनमात त्रायते इतिमन्तर जो मन का रक्षण करे
उसका नाम मंत्र है। मंत्र की जिम्मेदारी है तुम्हारे मन को रक्षण करना तुम जपते रहो एक समय आएगा जब मंत्र से तुम्हारे मन को रक्षण करेगा तब मंन की उदीउगिनता और उत्पात अपने आप समाप्त हो जाएगा। एक ख्याल रखो जब मंत्र के केंद्र में मन को रखो और मन के केंद्र में मंत्र को रखो इस प्रक्रिया में जब हो जाता है तब बात कुछ और हो जाती हैं। उनकी रक्षा मंत्र करता है । इस मंत्र की महिमा अनंत है रामचरितमानस के दोहे पढ़ लो
नाम जपत मंगल दिसी दसहू
मंत्र की महिमा है कि दसों दिशाओं में मंगल हो जाएगा भले ही हमको ना दिखाई दे। वैसे ही जिसका अन्तकरण ठीक नहीं उसको उसका अनुभव नहीं होता। नाम की अनंत महिमा है नामी से ही नाम श्रेष्ठ माना गया है और राम नाम भी मंत्र भी है इसकी महिमा कौन कर सकता है। यह कोई अत्यंत दुराचारी मनुष्य मनुष्य भी अगर मेरा भजन तन मन से करता है तो वह भी साधु बन जाएगा क्योंकि वह राम राम शब्द बोलने वाले मनुष्य संसार से समस्त दुख आदि भी भूल जाते हैं। राम नाम जप करने से समस्त संपत्तियां प्राप्त होती है तथा यमदूत उसके समीप नहीं आते। राम नाम को सुनकर कांप जाते हैं। मानव शरीर बार-बार नहीं मिलता अनेक जन्मों के पुण्य का फल देखते श्री हरि की हेतु कृपा से मानव शरीर की प्राप्ति होती है। सात हजार बार गंगा स्नान करो, करोड बार पुष्कर स्नान करने से भी जो पाप नष्ट नहीं हो जाते वो श्री हरि के स्मरण करने से भी नष्ट हो जाते हैं। जो पुरुष अविनाशी श्री नारायण का एक घड़ी भर भी चिंतन समरण करता है वह सिद्धि को प्राप्त कर लेता है। अर्थात उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। प्राण निकलते समय जिस प्राणी के मुंह से भगवान श्री राम का नाम शबद निकल आता है वह प्राण त्यागकर संसार सागर से पार चला जाता है, अर्थात मरते समय राम राम बोलना यह स्मरण करता है वह भवसागर से पार जाता है। जन्म मरण से छूट जाता है।
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भगवान शंकर जी कहते हैं कि हे प्राणी जिस किसी मरने वाले प्राणी मात्र को दाहिने कान में मरते समय मेरा राम नाम मंत्र सुनावे वह सव्य प्राणी मुक्ति को प्राप्त हो जाता है।
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भगवान् श्री कृष्ण गीता में कहते हैं जो प्राणी अंतिम समय में अपना शरीर छोड़ते समय मेरा समरण करता हुआ प्राण त्याग करता है, वह मुझ में ही लीन हो जाता है। अथवा मेरे स्वरूप हो जाता है ।इसमें कोई संदेह नहीं राम नाम सब अमृत समान है, और वाणी को पवित्र कर देने वाला है। अर्थात राम राम समरण करने से वाणी पवित्र हो जाती है। राम धवनी अमृत जैसी मिठी है। जिस पाठ में श्री राम के गुणों का वर्णन है वह सबसे पवित्र पाठ है।इसलिए है मानव तू राम नाम का नियमपुर्वक पाठ कर तु अपने आप ही राम नाम में ब्रह्मा, विष्णु ,महेश तीनों ही स्थित है। श्री राम नाम के अंश से ही उत्पन्न होते हैं राम राम मंगल करने वाला महामंत्र है। भगवान शिव शंकर खुद हर समय राम राम जपते हैं। कलयुग के समस्त दोषों को नष्ट करने वाले प्रभु राम संसार के प्राणियों को शरण देने वाले ब्रह्मा, विष्णु ,महेश और सभी देवता भी प्रभु श्रीराम के वश में ज्यादा रहते हैं।
राम नाम का जप कैसे और कहां पर करें-
*किसी भी मकान का ईशान कोण पूर्व और उत्तर कोणा पुरी तरह से साफ-सुथरा हवादार होना चाहिए। जहां पर जूते चप्पल नहीं हो, झूठा खाना पीना आदि जहां पर ना हो , किसी भी प्रकार की टीवी की हल्ला गुल्ला की कोई आवाज ना आती हो। हल्की सुगंध धूप अगरबत्ती हो और पीले रंग के ऊनी कपड़े का आसन हो उस पर बैठकर बैठकर मंत्र जाप करें। पूजा पाठ धर्म-कर्म जब आदि शुभ कार्य करते समय हमारे शरीर से ऊर्जा शक्ति उत्पन्न होने लग जाती है, यदि ऐसा उपयुक्त नहीं है यह शरीर का कोई भी भाग हमारा पृथ्वी को छु रहा है तो हमारी सारी ऊर्जा की शक्ति पृथ्वी मे चली जायेगी,और पूजा का जप का सारा लाभ पृथ्वी को मिलेगा इसका हमें कोई फल नहीं मिलेगा। पूजा करते समय ध्यान रहे हमारे शरीर का कोई भी हिस्सा धरती को ना छुने पाये तभी मंत्र जाप का सही फल मिलता है। सबसे पहले आप नहा धोकर शुद्ध वस्त्र पहन ले उन वस्तुओं को सिर्फ पूजा के समय ही पहनने है। शुद्ध आसन पर बैठकर पूर्वाविमुख या उत्तरविमुख होकर बैठना चाहिए।जो स्थान आप पसंद करें उस बैठने के स्थान को आसन को बदलना नहीं चाहिए। माला को हररोज जाप करते समय आँखो से जरूर छुये और उस स्थान का वातावरण शुद्ध और शांत बनाया जाता है, तथा उस स्थान पर अध्यात्मिक तरंगे ,दिव्य, स्पनदंन उत्पन्न होने लग जाते हैं। उसी तरह उसी जगह जप करने से जाप का फल बढ़ता जाएगा। जाप समाप्ति के बाद भी उस जगह 5,6 मिनट चुपचाप बैठे रहना चाहिए।
इस प्रकार वह शक्ति हमारे शरीर में समा जाती है। अपने इष्ट देव को जिसको आप मानते हो और अपने पितरों की फोटो सुंदर तरीके से सजाकर सामने रखें फोटो प्रतिमा सफेद या लाल पीले वस्त्र बिछाकर उस पर रखे। धूप ,दीप, चंदन तिलक हररोज लगाएं और शुद्ध जल का पात्र भरकर रखें। गाय के घी का दीपक जलाकर रखें। मीठी सुगंध धुप जब तक जाप चालू है तब तक जरूर रखें।
जो भी नाम जो भी मंत्र जप करें उसको पूर्ण भावना ,भक्तिऔर शान्त से करे। जाप करते समय इधर-उधर बातचीत ना करें।
मन मे प्राणायाम करके सूर्यनारायण को मन ही मन नमस्कार करें और फिर जाप करें। अब आंखें बंद करके स्वयं निर्धारण संख्या को करें ऐसी संख्या का प्रत्येक दिन नियम से करें कम या ज्यादा ना करें जप करते समय शुद्ध मन में अपने इष्ट देव के मनोहर रूप के दिव्य दर्शन आप को बंद आंखों से ही होने लग जाएंगे।आपको धिरे धिरे एक दिव्य परमानंद परम शांति सुख का अद्भुत आनंद प्राप्त होगा। इस दिव्यानंद को आप किसी दूसरे को बता नहीं पाएंगे आप के सभी प्रकार के कष्ट ,रोग, दोष आपके सभी प्रकार के गृह कलेश का नाश हो जाएगा।
राम नाम जाप करने के लिए कोई भी विधि-विधान नहीं जरूरी नहीं है अगर आप के पास समय नहीं है तो आप चलते फिरते भी ले सकते है।
राम नाम का जाप कभी भी, कहीं भी, किसी भी समय ,किसी भी स्थान और किसी भी परस्थिति में ले सकते है।
राम नाम का जाप ह्रदय से मन ही मन या फिर जोर- जोर से भजन के रूप में कर सकते है।
किसी भी दिन , दिशा आदि का , किसी भी परिस्थिति में राम नाम जाप का प्रभाव कम नहीं होता ।
अपने मन में यह बात ठान लो कि हमें बस जाप करना है और जाप निस्वार्थ भाव से करना है और राम का ही हो जाना है।
क्योकि जब हम इस भाव से राम नाम का जाप करते है तो अधिक प्रेम भाव से करते है
जब प्रेम का भाव मन में रहता है तो हम प्रभु श्री राम से अपने मन की हर वो बात कर सकते है , जिसका हम समाधान ढूँढ रहे है।
जाप कैसे करें ---
जाप तीन प्रकार से किया जाता है।
1.वाचिक जप जिसका उच्चारण दूसरों को स्पष्ट सुनाई देता है।
2.उपांशु वाचिक जाप जिसमें होठ धीरे-धीरे हिलते रहते हैं जिसका पाठ बैठा हुआ व्यक्ति भी सुन सकता है।
3. मानसिक जाप पूर्ण रूप से मानसिक जाप को कोई भी सुन नहीं सकता और जाप करने वाला ही सुन सकता है।
जो व्यक्ति प्रत्येक नाम या मंत्र का पूर्ण अर्थ समझते हुए जाप करता है सबसे उत्तम मानसिक जाप वही होता है। जाप करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है। अंगूठे और अनामिका से जाप करने से सिद्धि मे सफलता प्राप्त होती है। जाप हमेशा अंगूठे एवं उगली के अग्रभाग से करना चाहिए।
मंत्र जाप किसी भी समय किया जा सकता है यदि मन अनियंत्रित है तो मंत्र जप उच्च स्वर में करना चाहिए। यह उपाय मन को शांत को नियंत्रित करने का एक चमत्कारी साधन है यदि मन शांत है तो मंत्र जाप मंद स्वर में करना चाहिए। मंत्र जाप हमेशा मानसिक रूप से करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है ।मंत्र जाप करते समय समर्पण की भावना के साथ गहन भक्तिभाव का भी होना आवश्यक है तभी ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।
मन शुद्ध होना चाहिए तथा किसी भी प्रकार का मन में कोई दोष रख कर कोई भी मंत्र जाप ना करें तभी आपको मंत्र की सिद्धि प्राप्त हो सकती है।और तभी आपके काम सिद्ध हो सकते हैं।
अगर आप किसी के प्रति मन में द्वेष रखते हैं तो फिर मंत्र जाप करने का कोई फायदा नहीं है। राम नाम एक महामंत्र है यह सबसे ज्यादा ताकतवर महाशक्तिशाली ,अद्भुत तत्काल फल देने वाला महत्वपूर्ण और विलक्षण मंत्र है, और इस मंत्र को जाप करने के लिए किसी भी प्रकार की विधि विधान की ज्यादा जरूरत नहीं है। इसको आप किसी भी टाइम किसी समय में कर सकते हैं। सिर्फ राम नाम को पुकारना है।
इस राम नाम के जाप से हर इनसान की हर मनोकामना पूर्ण होती है ।
हमारे धर्म शास्त्रों में तो ये बताया गया है कि भगवान शिव शंकर ने स्वयं राम शब्द का ही जाप किया था । इस बात का उल्लेख गुरड पुराण में मिलता है।
आप भी बिना कोई शंका किये भगवान राम का जाप जरूर करें और मन में श्रद्धा जरूर होनी चाहिये तभी आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।
राम नाम जाप के लाभ-
प्रभू राम का नाम स्वयं में एक महामंत्र है। राम नाम की महिमा अपरंपार और नैया को पार लगाने वाली है । राम नाम का मंत्र सर्व रूप मे ग्रहण किया जाता है । इसके जाप और केवल धयान से ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति सहज हो जाती है । अन्य नामो कि अपेक्षा राम नाम हजार नामों के समान है । राम मंत्र को तारक मंत्र भी कहा जाता है।
इस मंत्र का जाप करने से सभी दुःखों का अंत होता है। प्रतिदिन भगवान श्रीराम के मंत्र का जाप करने से मनचाही कामना पूरी होती है।
राम नाम मंत्र बहुत छोटा है लेकिन इसमें छिपी हुई शक्ति बहुत बड़ी है बस जिसे हमें पहचानने की ज़रूरत है।
इन मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से हम अचानक आने वाली दुख और परेशानियों से बच सकते हैं। बस जरूरत है इसे विशवास के साथ करने की।
Last alfaaz--
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15 टिप्पणियाँ
Very nice jay Sri Ramakrishna
जवाब देंहटाएंJay Shri Ram
हटाएंBhaut bhaut acha laga bhai sach mai jay Shri Ram 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जवाब देंहटाएंShukria aap ka mere topic ko like kerne k liy
हटाएंJai Shree Ram Bhabi
हटाएंJai shree Ram
जवाब देंहटाएंJai Shree Ram
जवाब देंहटाएंJay shree ram
जवाब देंहटाएंGood
जवाब देंहटाएंRam Ram
जवाब देंहटाएंजय सीता राम ....राम से बड़ा राम का नाम राम नाम के पत्थर पानी में तीर जाते है . राम नाम की महिमा सूर्य के समान है जो अनंत है और उसे शब्दों में बता नही सकते है .
जवाब देंहटाएंजय श्री राम
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंram ram jap ke bare mein aapne bahut hi achha trah se batya hai, mujhe aapki post bahut hi pasnad aayi hai,
जवाब देंहटाएंthankyou bro
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