हरी चाय यानी ग्रीन टी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हरी चाय के चार कप भी दिन में पी लिए जाएं तो कैंसर जैसी भयंकर बीमारियों से दूर रह सकते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि हरी चाय हल्के स्वाद के कारण कम ही पी जाती है। भारत जैसे देश के लोग तेज पत्ती वाली चाय पीना ज्यादा पसंद करते हैं। इसके अस्तित्व बनाए रखने के लिए इसको बिना दूध और कम चीनी मिलाकर पिया जाना चाहिए। हरी चाहिए हर तरह के कैंसर का इलाज तो नहीं है, पर इसका इस्तेमाल करने से पेट और फेफड़े के कैंसर से बचा जा सकता है। इसके अलावा यह चाय पीते रहने से फेफड़ , खांसी और दांतों की बीमारियों से बचा जा सकता है।
हाल ही में हुए अध्ययन से पता चला है हरी चाय ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को भी नियंत्रित कर लेती है। त्वचा पर उम्र के प्रभाव को भी कम करती है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करती है। बिना दूध की चाय का कुछ बूंदे नींबू का रस डालकर पीने से हृदय रोगियों को लाभ पहुंचाती है।इसको पिने से मोटापा भी कम होता है और यह बहुत ही गुणकारी चाय है।
ग्रीन टी बनाने के लिए सामग्री :-
खुली ग्रीन टी की पत्तियां – आधा छोटा चम्मच
इलायची पाउडर – एक चुटकी
शहद या देशी शक्कर – स्वादानुसार
नींबू का रस-- स्वादानुसार
खुली ग्रीन टी की पत्तियां – आधा छोटा चम्मच
इलायची पाउडर – एक चुटकी
शहद या देशी शक्कर – स्वादानुसार
नींबू का रस-- स्वादानुसार
ग्रीन टी के फायदे:-
1: यह वज़न कम करने के लिए बेहतर उपाय है।
1: यह वज़न कम करने के लिए बेहतर उपाय है।
2:ग्रीन टी में एंटी ऑक्सीडेंट तत्व होते हैं।
3:ग्रीन टी को पीने से अनिद्रा की बीमारी दूर होती है।
4:बैली फैट को कम करती है।
5: स्किन को फायदा करती है।
6:इसको पीने से पेट में गैस नहीं बनती।
7: मेटाबॉलिज़्म सिस्टम को ठीक करती है।
8:तनाव को दूर करनेके लिए फायदेमंद है।
9: सिर के दर्द में भी आराम मिलता है।
10:आँखों की सूजन में फायदा मिलता है।
3:ग्रीन टी को पीने से अनिद्रा की बीमारी दूर होती है।
4:बैली फैट को कम करती है।
5: स्किन को फायदा करती है।
6:इसको पीने से पेट में गैस नहीं बनती।
7: मेटाबॉलिज़्म सिस्टम को ठीक करती है।
8:तनाव को दूर करनेके लिए फायदेमंद है।
9: सिर के दर्द में भी आराम मिलता है।
10:आँखों की सूजन में फायदा मिलता है।
चाय और काॅफी के नुकसान :-
आज हर घर में चाय और कॉफी का स्वाद के लिए कोई घर या सदस्य नहीं होगा जो इस का आदी ना हो। घर आने वाले अतिथि का स्वागत है बिना चाये के अधूरा सा लगता है। जिस चाय से अधिकांश लोगों को इतना अधिक स्नेह है वह यह नहीं जानते कि चाय स्फूर्ति दायक तथा लाभदायक ना होकर अनेक गुणों से युक्त है। वैज्ञानिकों के द्वारा खोज करने पर पता चला है कि चाय में तीन प्रकार के जहर पाए जाते हैं। चाय पीने से जो हल्का सा आनंद प्रतीत होता है वह इसी थीन नामक विष का प्रभाव है, जो ज्ञान तंतुओं के संगठन पर इसका बहुत ही विषैला प्रभाव पड़ता है
यह टेनिन कबज करने वाला पदार्थ है। यह पाचन शक्ति को बिल्कुल नष्ट कर देता है। इसमें नींद को नष्ट करने की भी शक्ति होती है और शरीर पर इस विष का बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है, लगभग शराब से मिलता-जुलता ही असर पड़ता है। इसकी वजह से चाय पीने के बाद शुरु में तो ताजगी अनुभव होती है, परंतु थोड़ी देर में नशा उतर जाने पर खुश्की और थकान उत्पन्न होती है। जिसके कारण और अधिक चाय पीने की हमारी इच्छा होने लगती हैं, और इस तरह हम चाय के आदी हो जाते हैं।
कैफिन यह एक महा भयंकर विष है इसका प्रभाव शराब या तंबाकू में पाए जाने विश निकोटीन के बराबर होता है। यह शरीर को बहुत जल्दी निर्बल कर देता है और शरीर खोखला होकर दिल की धड़कन को बढ़ाता है। इसके सेवन से अधिकता होने पर धड़कन एकदम बंद हो जाती है तथा व्यक्ति मौत का शिकार भी हो जाता है। कैफीन विष ही चाय का अंश है, जिसके नशे के वशीभूत होकर व्यक्ति चाय का आदि बन जाता है। इन पदार्थों में कोई पोषक तत्व होता ही नहीं उल्टे यह शरीर को हानि पहुंचाते हैं। वह विटामिंस को जो हमारे शरीर तंत्र के लिए अत्यधिक आवश्यक है और जो अन्य पदार्थों के द्वारा हमारे शरीर में पहुंचते हैं उन्हें भी है ये पदार्थ नष्ट कर देते हैं। कैफीन से रक्तचाप व दिल की धड़कन की गति कुछ बढ़ जाती है तथा एक बार सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रोत्साहित करती प्रतीत होती है। इसका अंतिम परिणाम निराशा ही हाथ लगती है।
एक अध्ययन के अनुसार चाय पीने वाले शौकीनों को और शराब पीने वालों को कैंसर का खतरा अधिक रहता है। उसका मुख्य कारण चाय में पाए जाने वाला पदार्थ टैनिन है।
बहुत सारे रोगियों के अपने अधीन करने के बाद कॉफी से ब्लेडर कैंसर का भी समबन्ध बताया है। यह दोनों पदार्थ उच्च रक्तचाप अनिद्रा आदि का कारण बनते हैं। वह हमारे गुर्दे को खराब करती है। एक सर्वेक्षण के अनुसार पाया गया है कि जिन देशों में काॅफी की खबत ज्यादा ह।
, वहां पेनक्रिएटिक कैंसर की दर भी अधिक है। अमेरिका जहां पर 50% लोग को काॅफी पीते हैं वहां एक अध्ययन के अनुसार 20 % लोग प्रतिवर्ष पेनक्रिएटिक कैंसर की चपेट में आकर अपना जीवन खो देते हैं ।पेनक्रिएटिक कैंसर की दर बढ़ने के कारण कॉफी के अधिक मात्रा का सेवन है, और इसके अधिक सेवन के कारण हमारा नर्वस सिस्टम, सर दर्द दांत दर्द, आंखों का सुजना, जिगर व यूट्रस के रोग, छाती ,पेट के रोग, सांस में असुविधा आदि रोग उत्पन्न हो जाते हैं।
कॉफी और चाय दोनों ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है जरूरत से ज्यादा चाय आपकी सेहत के लिए हानिकारक है। अगर चाय पीनी है तो हरी चाय बिना दूध की जो हमारे लिए बहुत ही लाभदायक हैं, ऐसा भी माना जाता है हरी चाय हमारे मोटापे को भी कम करती हैं ।
हमारा स्वास्थ्य ही असली धन है अगर स्वास्थ्य सही है तो दुनिया सही है अगर स्वास्थ्य ही सही नहीं तो दुनिया की कोई भी धन दौलत अच्छी नहीं लग सकती। इसलिए खाने के लिए नहीं जिये, बल्कि इतना खाए कि आप जी सके।
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