Tittle- घर की सुुख समृृद्धि के लिए उपाय-
हमारे समाज में बहुत सारी ऐसी विशवास और कुछ रहस्य हैं जिनको हम अंधविश्वास समझते है। लेकिन असली सच्चाई उन सब बातों के पीछे बहुत बड़ा रहस्य छुपा होता है। जिन्हें हम आज भी मानते हैं पर क्या आप जानते हैं हर अंधविश्वास के पीछे कोई ना कोई वैज्ञानिक का कारण जरूर होता है।
आज मैं आपके साथ कुछ ऐसे ही अंधविश्वास या धर्म के प्रति विश्वास और बढा देते हैं।
आज हम इस टॉपिक पर आपके साथ शेयर करने जा रहे है, जिन को पढ़कर आपको समझ में आ जाएगा कि यह अधंविश्वास है या इसके पीछे कोई धार्मिक महत्व या रीति-रिवाज और परंपराएं हैं।क्या आप जानते है की हमारे पूर्वजों द्वारा बनाये गई इन मान्यताओं के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं।
अंधविश्वास – यदि कोई बिल्ली (खासकर काली बिल्ली) अकसर आप सबने यह बात जरूर सुनी होगी कि अगर बिल्ली रास्ता काट दे तो यह शुभ नहीं माना जाता। कुछ देर इंतज़ार के बाद ही आगे बढ़ा जाता है।
Logic :– पुराने समय में जब लोग जंगलों से होकर जाते थे तो यदि कोई बिल्ली दौड़ती हुई रास्ता काट लेती थी तो इसका मतलब होता था की कोई जंगली जानवर हैं जिससे वो बचने की लिए भाग रही है। राहगीर कुछ देर रुक कर आगे बढ़ते थे। लेकिन यह परंपरा आज तक चली आ रही है।
सांप को मारने के बाद सिर कुचलना :-----
अंधविश्वास – माना जाता है कि सांप को मारने वाले की तस्वीर उसकी आंखों में छप जाती है।
Logic – सांप के मरने के बाद भी उसका जहर लोगों को मार सकता है। इसलिए उसके सिर को कुचल कर दबा दिया जाता है ।
नदी में सिक्का डालना :----
अंधविश्वास – नदी में सिक्का डालने से सफलता मिलती है और घर में समृद्धि आती है।
Logic – पुराने समय में सिक्के पीतल के होते थे और लोग नदियों से पानी लाते थे। पीतल पानी को शुद्ध कर देता हैं। इसलिए पानी को शुद्ध करने के लिए नदी में सिक्के डाले जाते थे।
घर के भीतर छाता खोलना :----
अंधविश्वास – घर की अंदर छाता नहीं खोलना चाहिए इससे घर के अंदर दुर्भाग्य दस्तक देता है।
Logic – इस अंधविश्वास को कुछ लोग मिस्र के शासक फराओ के साथ जोड़ते हैं तो कुछ लोग इसे रानी विक्टोरिया के काल से जोड़ते हैं जब घरों में छाता खोलने से आवागमन बाधित होता था। इन सबसे बचने के लिए घर में छाता खोलने को ही अंधविश्वास से जोड़ दिया।
ग्रहण के समय बाहर ना निकलना :----
अंधविश्वास – पुराने समय के लोग हमें ग्रहण के समय बाहर निकलने नहीं देते उनके मुताबिक इस दौरान बुरी ताकते हावी हो जाती हैं। और खासकर गर्भवती महिलाओं को विशेष हिदायत दी जाती है ग्रहण को ना देखने की
Logic – ग्रहण के वक्त सूर्य की किरणों से त्वचा के रोग हो सकते हैं। साथ ही नंगी आंखों से उसे देखने से लोग अंधे भी हो सकते हैं गर्भवती महिला के होने वाले बच्चे पर इस वक्त नेगटिव किरणों का बुरा प्रभाव पड़ जाता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को ग्रहण देखने से मना किया जाता है।
दही खाकर घर से बाहर निकलना :----
अंधविश्वास – किसी भी शुभ काम पर जाने से पहले घर से दही खाकर निकलना शुभ माना जाता है।
Logic – गर्म मौसम के कारण दही खाने से पेट ठंडा रहता है। साथ ही दही में चीनी मिलाकर खाने से शरीर में ग्लूकोज की मात्रा सही बनी रहती है।
बुरी नज़र से बचने के लिए नीबू और मिर्च लगाना :----
अंधविश्वास – घरों और दुकानों में नीबू – मिर्च टांगने से किसी की बुरी नज़र नहीं लगती।
Logic – नीबू और मिर्च में बहुत विटामिन होते हैं। इसलिए हमारे पूर्वजो द्वारा इसका प्रयोग शादी जैसे शुभ अवसरों पर किया जाता था। क्योकि नीबू और मिर्च को अच्छा प्रतीक मानते थे।
घर के बाहर घोड़े की नाल टांगना :---
अंधविश्वास – घोड़े की नाल घर के मुख्य द्वार पर लगाने से सुरक्षा एवं सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
Logic – मध्यकाल में लोग ऐसा मानते थे कि चुड़ैल और पिशाचिनी घोड़ों की आवाज से बहुत डरती हैं। घर के भीतर उनके आगमन को रोकने के लिए घोड़े के पैर की नाल को लगाया जाता था और यह सिलसिला आज भी जारी है।
शाम के समय घर में झाड़ू लगाना :---
अंधविश्वास – शाम के समय झाड़ू लगाने से घर की लक्ष्मी चली जाती हैं।
Logic – बड़े बुजुर्ग अपने बहु बेटियों को शाम को घर में झाड़ू लगाने से मना करते हैं। इस मान्यता के पीछे भी पुराने ज़माने की मज़बूरी हैं, दरअसल पहले ज़माने में घर की औरतें बहुत सारा गहना पहनती थी।पहले ज़माने में बिजली भी नहीं थी, शाम को झाड़ू लगाने से आभूषण बाहर चला जाता था। इससे बचने के लिए यह नियम बनाया गया। और तब से यह नियम चला आ रहा हैं।
मंगल और गुरुवार को बाल न धोना :---
अंधविश्वास – अक्सर महिलाएं मंगल और गुरूवार को बाल धोने से परहेज करती है। क्योंकि उन्हें लगता है कि इस दिन बाल धोने से बुरे वक्त की शुरूआत होती है।
Logic – पुराने वक्त में लोग अपने घरों में पानी स्टोर करके रखते थे। बाल धोने में पानी ज्यादा खर्च होता है , तो इन दो दिन पानी बचाने के लिए बाल नहीं धोए जाते थे और मित्रा औरतों को सप्ताह मे दो दिन आराम करने का समय भी मिलता था
13 नंबर का अशुभ मानना :---
अंधविश्वास – 13 नंबर को पूरे विश्व में अशुभ माना जाता है।
Logic – 13 नंबर को इसलिए अशुभ माना जाता है, क्योंकि कहा जाता है एक बार ईशा मसीह के साथ जिस शख्स ने विश्वासघात किया, वो 13 तारीख को उनके साथ 13 नंबर की कुर्सी पर बैठकर डिनर कर रहा था। माना जाता है कि तभी से लोगों ने इस अंक को दुर्भाग्यपूर्ण समझ लिया और उसके बाद से इस नंबर से दूर भागने लगे। मनोविज्ञान ने 13 अंक के इस डर को ट्रिस्काइडेकाफोबिया या थर्टीन डिजिट फोबिया नाम दिया है। डर इस हद तक बढ़ गया कि इसकी वजह से लोगों ने 13 नंबर का इस्तेमाल करना ही बंद कर दिया।
गर्भवती महिलाएं घर से बाहर नहीं जा सकती !
अंधविश्वास – बुरी आत्मा का साया मां और होने वाले बच्चे पर पड़ सकता है।
Logic – पहले के वक्त में आने-जाने के साधनों की कमी थी और गर्भवती महिलाओं को पैदल चलने
Logic :– पुराने समय में जब लोग जंगलों से होकर जाते थे तो यदि कोई बिल्ली दौड़ती हुई रास्ता काट लेती थी तो इसका मतलब होता था की कोई जंगली जानवर हैं जिससे वो बचने की लिए भाग रही है। राहगीर कुछ देर रुक कर आगे बढ़ते थे। लेकिन यह परंपरा आज तक चली आ रही है।
सांप को मारने के बाद सिर कुचलना :-----
अंधविश्वास – माना जाता है कि सांप को मारने वाले की तस्वीर उसकी आंखों में छप जाती है।
Logic – सांप के मरने के बाद भी उसका जहर लोगों को मार सकता है। इसलिए उसके सिर को कुचल कर दबा दिया जाता है ।
नदी में सिक्का डालना :----
अंधविश्वास – नदी में सिक्का डालने से सफलता मिलती है और घर में समृद्धि आती है।
Logic – पुराने समय में सिक्के पीतल के होते थे और लोग नदियों से पानी लाते थे। पीतल पानी को शुद्ध कर देता हैं। इसलिए पानी को शुद्ध करने के लिए नदी में सिक्के डाले जाते थे।
घर के भीतर छाता खोलना :----
अंधविश्वास – घर की अंदर छाता नहीं खोलना चाहिए इससे घर के अंदर दुर्भाग्य दस्तक देता है।
Logic – इस अंधविश्वास को कुछ लोग मिस्र के शासक फराओ के साथ जोड़ते हैं तो कुछ लोग इसे रानी विक्टोरिया के काल से जोड़ते हैं जब घरों में छाता खोलने से आवागमन बाधित होता था। इन सबसे बचने के लिए घर में छाता खोलने को ही अंधविश्वास से जोड़ दिया।
ग्रहण के समय बाहर ना निकलना :----
अंधविश्वास – पुराने समय के लोग हमें ग्रहण के समय बाहर निकलने नहीं देते उनके मुताबिक इस दौरान बुरी ताकते हावी हो जाती हैं। और खासकर गर्भवती महिलाओं को विशेष हिदायत दी जाती है ग्रहण को ना देखने की
Logic – ग्रहण के वक्त सूर्य की किरणों से त्वचा के रोग हो सकते हैं। साथ ही नंगी आंखों से उसे देखने से लोग अंधे भी हो सकते हैं गर्भवती महिला के होने वाले बच्चे पर इस वक्त नेगटिव किरणों का बुरा प्रभाव पड़ जाता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को ग्रहण देखने से मना किया जाता है।
दही खाकर घर से बाहर निकलना :----
अंधविश्वास – किसी भी शुभ काम पर जाने से पहले घर से दही खाकर निकलना शुभ माना जाता है।
Logic – गर्म मौसम के कारण दही खाने से पेट ठंडा रहता है। साथ ही दही में चीनी मिलाकर खाने से शरीर में ग्लूकोज की मात्रा सही बनी रहती है।
बुरी नज़र से बचने के लिए नीबू और मिर्च लगाना :----
अंधविश्वास – घरों और दुकानों में नीबू – मिर्च टांगने से किसी की बुरी नज़र नहीं लगती।
Logic – नीबू और मिर्च में बहुत विटामिन होते हैं। इसलिए हमारे पूर्वजो द्वारा इसका प्रयोग शादी जैसे शुभ अवसरों पर किया जाता था। क्योकि नीबू और मिर्च को अच्छा प्रतीक मानते थे।
घर के बाहर घोड़े की नाल टांगना :---
अंधविश्वास – घोड़े की नाल घर के मुख्य द्वार पर लगाने से सुरक्षा एवं सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
Logic – मध्यकाल में लोग ऐसा मानते थे कि चुड़ैल और पिशाचिनी घोड़ों की आवाज से बहुत डरती हैं। घर के भीतर उनके आगमन को रोकने के लिए घोड़े के पैर की नाल को लगाया जाता था और यह सिलसिला आज भी जारी है।
शाम के समय घर में झाड़ू लगाना :---
अंधविश्वास – शाम के समय झाड़ू लगाने से घर की लक्ष्मी चली जाती हैं।
Logic – बड़े बुजुर्ग अपने बहु बेटियों को शाम को घर में झाड़ू लगाने से मना करते हैं। इस मान्यता के पीछे भी पुराने ज़माने की मज़बूरी हैं, दरअसल पहले ज़माने में घर की औरतें बहुत सारा गहना पहनती थी।पहले ज़माने में बिजली भी नहीं थी, शाम को झाड़ू लगाने से आभूषण बाहर चला जाता था। इससे बचने के लिए यह नियम बनाया गया। और तब से यह नियम चला आ रहा हैं।
मंगल और गुरुवार को बाल न धोना :---
अंधविश्वास – अक्सर महिलाएं मंगल और गुरूवार को बाल धोने से परहेज करती है। क्योंकि उन्हें लगता है कि इस दिन बाल धोने से बुरे वक्त की शुरूआत होती है।
Logic – पुराने वक्त में लोग अपने घरों में पानी स्टोर करके रखते थे। बाल धोने में पानी ज्यादा खर्च होता है , तो इन दो दिन पानी बचाने के लिए बाल नहीं धोए जाते थे और मित्रा औरतों को सप्ताह मे दो दिन आराम करने का समय भी मिलता था
13 नंबर का अशुभ मानना :---
अंधविश्वास – 13 नंबर को पूरे विश्व में अशुभ माना जाता है।
Logic – 13 नंबर को इसलिए अशुभ माना जाता है, क्योंकि कहा जाता है एक बार ईशा मसीह के साथ जिस शख्स ने विश्वासघात किया, वो 13 तारीख को उनके साथ 13 नंबर की कुर्सी पर बैठकर डिनर कर रहा था। माना जाता है कि तभी से लोगों ने इस अंक को दुर्भाग्यपूर्ण समझ लिया और उसके बाद से इस नंबर से दूर भागने लगे। मनोविज्ञान ने 13 अंक के इस डर को ट्रिस्काइडेकाफोबिया या थर्टीन डिजिट फोबिया नाम दिया है। डर इस हद तक बढ़ गया कि इसकी वजह से लोगों ने 13 नंबर का इस्तेमाल करना ही बंद कर दिया।
गर्भवती महिलाएं घर से बाहर नहीं जा सकती !
अंधविश्वास – बुरी आत्मा का साया मां और होने वाले बच्चे पर पड़ सकता है।
Logic – पहले के वक्त में आने-जाने के साधनों की कमी थी और गर्भवती महिलाओं को पैदल चलने
लकडी को छुए (टचवुड) !
अंधविश्वास – टचवुड जैसी चीजे आजकल युवाओं के बीच बहुत कॉमन है लेकिन इतिहासकारों को इनके वास्तविक उद्भव का कुछ खास पता नहीं है।
Logic – लोग ऐसा मानते हैं कि इस धारणा का जन्म क्रूस पर हाथ रखकर शपथ लेने से हुआ होगा।
रात में नाखून नहीं काटना :---
अंधविश्वास – रात में नाखून काटने से किस्मत पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
Logic – पुराने समय में बिजली न होने के कारण रात में नाखून नहीं काटे जाते थे। नाखून काटने के लिए औजारों का इस्तेमाल किया जाता था जिससे अंधेरे में उंगिलयों के कटने का डर भी होता था।
टूटते हुए तारे को देखकर कुछ मांगना :---
अंधविश्वास – तारे के टूटने के दौरान कोई इच्छा हो तो उसे मांग लेने से वो पूरी होती है।
Logic – दरअसल, कोई तारा नहीं टूटता है। हमें जो कभी-कभी टूटते हुए दिखाई देते हैं वह तारे नहीं गैसीय पिंड या उल्कापिंड होते हैं। लाखों उल्कापिंड या गैस के गोले हमारे सौर मंडल में जब भ्रमण करते करते वे धरती के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं तो जलकर बिखर जाते हैं।
अगर घर में बाल गिरे मिलें हो तो ---
अंधविश्वास – अगर घर में बाल गिरे मिलें हो तो परिवार में कलह होता हैं।
Logic – लोग अक्सर घर में बाल गिरने पर कहते हैं की इसे बाहर फेको नहीं तो झगड़ा हो जायेगा। असलियत तो यह है की, बाल उड़कर कहीं खाने में न गिर जाये। इसलिए उन्हें बाहर फेकनें के लिए कहा जाता है।
जूते-चप्पल उल्टे रखें हो तो अशुभ होता है ---
अंधविश्वास – बारह रखे जूते या चप्पल यदि उल्टे हो जाएं तो उन्हें तुरंत सीधा कर देना चाहिए अन्यथा आपकी किसी से लड़ाई होने की संभावना बढ़ जाती है। पर यह सब उन पर लगी हूई गंदगी के कारण ऐसा बोला जाता था।
Logic – ;पहले जब घर की सफाई होती थी तो जूते चप्पलों को सीधा एक जगह रखा जाता था। यदि जूते चप्पल उल्टे सीधे रखें हैं तो इसका मतलब होता था की घर की सफाई नहीं हुई।
तकिये पर नहीं बैठना चाहियें ---
अंधविश्वास – तकिये पर बैठने से स्मरण शक्ति कमजोर होती है और नकारात्मक विचार आते हैं।
Logic – यदि कोई व्यक्ति तकिए के ऊपरबैठता है तो तकिया खराब हो जाता है और वह आरामदायक नहीं रहता। ऐसे तकिए पर सिर रखकर सोने वाले व्यक्ति को ठीक से नींद नहीं आती है। बुरे सपने दिखाई देते हैं। सिर दर्द की समस्या हो सकती है। मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।
पीपल के पेड़ नीचे न सोना :----
Logic:--- पीपल के पेड़ के नीचे सोने का असली कारण यह माना जाता है कि वह रात में कार्बन कार्बन डाइऑक्साइड ज्यादा मात्रा में छोडता है, जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक होता है, और अंधविश्वास के कारण लोगों ने इस बात को भूत प्रेत का निवास मानकर रात को सोने के लिए मना किया जाता है। दिन में पीपल का पेड़ ऑक्सीजन सबसे ज्यादा मात्रा में छोड़ता है इसलिए ऐसा कहा जाता है कि रात को पीपल के पेड़ के नीचे नहीं सोना चाहिए।
इस प्रकार बहुत सारे अंधविश्वास बनाए गए हैं ताकि लोग धर्म और नेगटिव एनर्जी के डर के कारण लोग उनको फॉलो करते रहे हैं और अपना किसी प्रकार का कोई नुकसान ना करें तभी इन चीजों को अंधविश्वास के साथ जोड़ा गया है जबकि इनके पीछे कोई ना कोई वैज्ञानिक कारण है तभी यह चीजे बनाई गई हैं।
अगर आपको मेरा यह लेख अच्छा लगे तो आप अपना दोस्तों और चाहने वालों को इस प्रकार के टॉपिक जरूर शेयर करें अगर आपको मेरे यह टॉपिक अच्छे लगे तो मेरे साथ जुड़े रहने के लिए प्लीज मुझे फॉलो और सब्सक्राइब जरूर करें
अंधविश्वास – टचवुड जैसी चीजे आजकल युवाओं के बीच बहुत कॉमन है लेकिन इतिहासकारों को इनके वास्तविक उद्भव का कुछ खास पता नहीं है।
Logic – लोग ऐसा मानते हैं कि इस धारणा का जन्म क्रूस पर हाथ रखकर शपथ लेने से हुआ होगा।
रात में नाखून नहीं काटना :---
अंधविश्वास – रात में नाखून काटने से किस्मत पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
Logic – पुराने समय में बिजली न होने के कारण रात में नाखून नहीं काटे जाते थे। नाखून काटने के लिए औजारों का इस्तेमाल किया जाता था जिससे अंधेरे में उंगिलयों के कटने का डर भी होता था।
टूटते हुए तारे को देखकर कुछ मांगना :---
अंधविश्वास – तारे के टूटने के दौरान कोई इच्छा हो तो उसे मांग लेने से वो पूरी होती है।
Logic – दरअसल, कोई तारा नहीं टूटता है। हमें जो कभी-कभी टूटते हुए दिखाई देते हैं वह तारे नहीं गैसीय पिंड या उल्कापिंड होते हैं। लाखों उल्कापिंड या गैस के गोले हमारे सौर मंडल में जब भ्रमण करते करते वे धरती के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं तो जलकर बिखर जाते हैं।
अगर घर में बाल गिरे मिलें हो तो ---
अंधविश्वास – अगर घर में बाल गिरे मिलें हो तो परिवार में कलह होता हैं।
Logic – लोग अक्सर घर में बाल गिरने पर कहते हैं की इसे बाहर फेको नहीं तो झगड़ा हो जायेगा। असलियत तो यह है की, बाल उड़कर कहीं खाने में न गिर जाये। इसलिए उन्हें बाहर फेकनें के लिए कहा जाता है।
जूते-चप्पल उल्टे रखें हो तो अशुभ होता है ---
अंधविश्वास – बारह रखे जूते या चप्पल यदि उल्टे हो जाएं तो उन्हें तुरंत सीधा कर देना चाहिए अन्यथा आपकी किसी से लड़ाई होने की संभावना बढ़ जाती है। पर यह सब उन पर लगी हूई गंदगी के कारण ऐसा बोला जाता था।
Logic – ;पहले जब घर की सफाई होती थी तो जूते चप्पलों को सीधा एक जगह रखा जाता था। यदि जूते चप्पल उल्टे सीधे रखें हैं तो इसका मतलब होता था की घर की सफाई नहीं हुई।
तकिये पर नहीं बैठना चाहियें ---
अंधविश्वास – तकिये पर बैठने से स्मरण शक्ति कमजोर होती है और नकारात्मक विचार आते हैं।
Logic – यदि कोई व्यक्ति तकिए के ऊपरबैठता है तो तकिया खराब हो जाता है और वह आरामदायक नहीं रहता। ऐसे तकिए पर सिर रखकर सोने वाले व्यक्ति को ठीक से नींद नहीं आती है। बुरे सपने दिखाई देते हैं। सिर दर्द की समस्या हो सकती है। मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।
पीपल के पेड़ नीचे न सोना :----
Logic:--- पीपल के पेड़ के नीचे सोने का असली कारण यह माना जाता है कि वह रात में कार्बन कार्बन डाइऑक्साइड ज्यादा मात्रा में छोडता है, जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक होता है, और अंधविश्वास के कारण लोगों ने इस बात को भूत प्रेत का निवास मानकर रात को सोने के लिए मना किया जाता है। दिन में पीपल का पेड़ ऑक्सीजन सबसे ज्यादा मात्रा में छोड़ता है इसलिए ऐसा कहा जाता है कि रात को पीपल के पेड़ के नीचे नहीं सोना चाहिए।
इस प्रकार बहुत सारे अंधविश्वास बनाए गए हैं ताकि लोग धर्म और नेगटिव एनर्जी के डर के कारण लोग उनको फॉलो करते रहे हैं और अपना किसी प्रकार का कोई नुकसान ना करें तभी इन चीजों को अंधविश्वास के साथ जोड़ा गया है जबकि इनके पीछे कोई ना कोई वैज्ञानिक कारण है तभी यह चीजे बनाई गई हैं।
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