फैैटी लीवर को कैैसे ठीक करें-
अगर आप भी फैटी लिवर की समस्या से परेशान है तो हम इसे घर बैठे ठीक कर सकते है बस हमें अपने खानपान और कुछ घरेलू उपायो की जरूरत है। यह सब उपाय हमारी रसोई घर से बहुत आसानी से मिल जाते है।
अगर इस समस्या का सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है।
इस समस्या के लिए दवाओं के साथ घरेलू नुस्खों की मदद से जल्दी से फैटी लिवर को ठीक किया जा सकता है।
फैटी लीवर कया है -
फैटी लीवर आज एक आम समस्या हो गई है। यह समस्या हमारे गलत खानपान और सही दिनचर्या ना होने की वजह से होती हैं क्योंकि हम आज इस भागदौड़ वाली जीवन में स्पाइसी खाना और शराब का सेवन बहुत ज्यादा बढ रहा है जो हमारे स्वास्थय के लिए बहुत हानिकारक है।
इस प्रकार के खाने और पीने से हमारे लिवर पर बहुत बुरा असर पड़ता है और लीवर हमारे शरीर का एक महत्त्वपूर्ण अंग है।
जिसके बिना हमारा जीवन सम्भव नहीं है।
जिसके बिना हमारा जीवन सम्भव नहीं है।
लिवर कया है और कैसा दिखता है-
हमारे शरीर का एक प्रमुख अंग है। यह हमारे शरीर में भोजन पचाने से लेकर पित्त बनाने तक का काम करता है। लिवर शरीर को संक्रमण से लड़ने, रक्त शर्करा या ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने, शरीर से विषैले पदार्थो को निकालने, फैट को कम करने तथा प्रोटीन बनाने में अहम भूमिका अदा करता है। अत्यधिक मात्रा में खाने, शराब पीने एवं अनुचित मात्रा में फैट युक्त भोजन करने से फैटी लिवर जैसे रोग लिवर में होने की संभावना होती है।
इलाज-
आप घर पर ही फैटी लीवर का इलाज कर सकते हैं। इसके लिए आपको जरूरी जानकारी होनी जरूरी है।
फैटी लिवर से परेशान हैं तो अपनाएं ये घरेलू नुस्खे -
फैटी लिवर कया -
फैटी लिवर कया -
फैटी लिवर को हेप्टिक स्टेटोसिस भी कहा जाता है। इस स्थिति में लिवर में अत्यधिक फैट जमा हो जाता है। ये फैट लिवर के कार्यों में बाधा उत्पन्न करता है और शरीर के लिए जरूरी पित्त रस एवं इंसुलिन का उत्पादन धीमा कर देता है। कुछ गंभीर मामलों में लिवर पर हमेशा के लिए रोग लग सकता है, और धीरे-धीरे लिवर फेल भी हो सकता है। ये एक जानलेवा स्थिति होती है जिसे लिवर सिरोसिस के नाम से जाना जाता है।
फैटी लीवर होने के कारण-
1 अत्यधिक शराब पीना
2 आनुवांशिकता
3 मोटापा
4 फैटी फूड और मसालेदार खाने का सेवन
5 रक्त में वसा का स्तर ज्यादा होना
6 मधुमेह या डायबिटीज
7 स्टेरॉयड, एस्पिरीन या ट्रेटासिलीन जैसी दवाइयों का लम्बे समय तक सेवन
8 पीने के पानी में क्लोरीन की अत्यधिक मात्रा
9 वायरल हेपाटाइटिस
फैटी लीवर के लक्षण-
2 आनुवांशिकता
3 मोटापा
4 फैटी फूड और मसालेदार खाने का सेवन
5 रक्त में वसा का स्तर ज्यादा होना
6 मधुमेह या डायबिटीज
7 स्टेरॉयड, एस्पिरीन या ट्रेटासिलीन जैसी दवाइयों का लम्बे समय तक सेवन
8 पीने के पानी में क्लोरीन की अत्यधिक मात्रा
9 वायरल हेपाटाइटिस
फैटी लीवर के लक्षण-
पेट के दाएँ भाग के ऊपरी हिस्से में दर्द
वजन में गिरावट
कमजोरी महसूस करना
आँखों और त्वचा में पीलापन दिखाई देना
भोजन सही प्रकार से हजम नहीं होना जिसके कारण एसिडिटी का होना
पेट में सूजन होना
जरूरत से जयादा गैस बनना
फैटी लिवर के लिए घरेलू उपाय-
एप्पल साइडर विनेगर-
एप्पल साइडर विनेगर लिवर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल देता है। ये लिवर को स्वस्थ बनाने में मदद करता है। एक कप गुनगुने पानी में एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर डालकर हररोज सुबह पिएं।यह कुछ ही दिनों में अपना असर दिखा देगा।
नींबू का प्रयोग-
फैटी लिवर के इलाज के लिए आप नींबू का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। नींबू विटामिन सी से युक्त होता है जो कि एक पाॅवरफुल एंटीऑक्सीडेंट है और यह लिवर की कोशिकाओं को रेडिकल डैमेज से रोक सकता है। एक कप पानी में आधा नींबू निचोड़ें और एक चम्मच शहद डालकर रोज सुबह पिएं। और अगर आप नमक वाला पिना चाहते है तो तो सेंधा नमक युज सबसे बेहतर
हल्दी के उपाय-
हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व होता है जो कि नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज की स्थिति में लिवर की कोशिकाओं को सुरक्षित रख सकता है। एक गिलास पानी लें और उसे उबालने के लिए रख दें। अब इसमें एक चुटकी हल्दी डालें। आप चाहें तो इसमें नींबू का रस भी डाल सकते हैं। मिक्स कर के रोज सुबह इस गुनगुने पानी का सेवन करें।
आंवला -
आंवला विटामिन सी से युक्त होता है जो लिवर को साफ रखने और आगे किसी भी तरह के नुकसान से बचाने में मदद करता है। आंवले में क्यूरसेटिन नामक फाइटोकेमिकल होता है जो लिवर कोशिकाओं के ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर सकता है।मध्यम आकार के दो से तीन आंवला लें और उन्हें छोटे टुकड़ों में काटकर बीज अलग कर दें। अब इसमें थोड़ा-सा पानी डालकर ब्लैंड कर जूस निकाल लें। इस जूस को एक गिलास गर्म पानी में डालकर पिएं।
दालचीनी-
फैटी लिवर के लिए दालचीनी सबसे असरकारी दवा है। इसके सूजन-रोधी गुण ज्यादा शराब के कारण लिवर में आई सूजन को कम करते हैं। एक गिलास पानी में दालचीनी की दो से तीन स्टिक डालकर पानी को उबाल लें। दो से तीन मिनट के बाद पानी को छानकर रोज सुबह
अलसी के बीज -
अलसी न सिर्फ पाचन के लिए बेहतर होती हैं बल्कि फैटी लिवर से भी बचाती है। अलसी कोशिकाओं पर पड़ रहे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर लिवर को हुए नुकसान को घटाती है। आप अलसी को पाउडर के रूप में ले सकते हैं। पानी या सलाद पर भी अलसी का पाउडर डालकर खा सकते हैं।
डैंडलियोन टी -
एक कप पानी में चार से पांच डैंडलियोन के फूलों को एक से दो मिनट तक उबालें। अब इस पानी को छानकर पी लें। डैंडलियोन में पॉवरफुल बायोएक्टिव यौगिक होते हैं जो शरीर में कोलेस्ट्रोल के लेवल को कम कर सकते हैं।
किशमिश-
हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व होता है जो कि नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज की स्थिति में लिवर की कोशिकाओं को सुरक्षित रख सकता है। एक गिलास पानी लें और उसे उबालने के लिए रख दें। अब इसमें एक चुटकी हल्दी डालें। आप चाहें तो इसमें नींबू का रस भी डाल सकते हैं। मिक्स कर के रोज सुबह इस गुनगुने पानी का सेवन करें।
आंवला -
आंवला विटामिन सी से युक्त होता है जो लिवर को साफ रखने और आगे किसी भी तरह के नुकसान से बचाने में मदद करता है। आंवले में क्यूरसेटिन नामक फाइटोकेमिकल होता है जो लिवर कोशिकाओं के ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर सकता है।मध्यम आकार के दो से तीन आंवला लें और उन्हें छोटे टुकड़ों में काटकर बीज अलग कर दें। अब इसमें थोड़ा-सा पानी डालकर ब्लैंड कर जूस निकाल लें। इस जूस को एक गिलास गर्म पानी में डालकर पिएं।
दालचीनी-
फैटी लिवर के लिए दालचीनी सबसे असरकारी दवा है। इसके सूजन-रोधी गुण ज्यादा शराब के कारण लिवर में आई सूजन को कम करते हैं। एक गिलास पानी में दालचीनी की दो से तीन स्टिक डालकर पानी को उबाल लें। दो से तीन मिनट के बाद पानी को छानकर रोज सुबह
अलसी के बीज -
अलसी न सिर्फ पाचन के लिए बेहतर होती हैं बल्कि फैटी लिवर से भी बचाती है। अलसी कोशिकाओं पर पड़ रहे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर लिवर को हुए नुकसान को घटाती है। आप अलसी को पाउडर के रूप में ले सकते हैं। पानी या सलाद पर भी अलसी का पाउडर डालकर खा सकते हैं।
डैंडलियोन टी -
एक कप पानी में चार से पांच डैंडलियोन के फूलों को एक से दो मिनट तक उबालें। अब इस पानी को छानकर पी लें। डैंडलियोन में पॉवरफुल बायोएक्टिव यौगिक होते हैं जो शरीर में कोलेस्ट्रोल के लेवल को कम कर सकते हैं।
किशमिश-
फैटी लीवर के लिए किसमिस भी बहुत बेहतर उपाय हैं खासकर शराब पीने के बाद फैटी लिवर होने पर किसमिश सबसे अच्छा उपाय है। रात को एक गिलास पानी में किसमिस गर्म पानी में भिगोकर रख दें और सुबह उस पानी को हल्का गर्म करके पी ले और किशमिश को थोड़ी देर बाद चबाकर खा सकते है। यह भी फैटी लीवर के एक बेहतर उपाय है
लस्सी का प्रयोग जयादा करें-
लस्सी का प्रयोग जयादा करें-
दोपहर के भोजन में छाछ लें, इसमें हींग, नमक, जीरा और काली मिर्च मिलाकर पिएँ। यह उपाय भी लीवर के लिए लाभदायक है।
कच्चा टमाटर खाये -
कच्चा टमाटर खाये -
कच्चे टमाटर का सेवन फैटी लिवर को स्वस्थ करने में मदद करता है। आप हररोज सलाद में कच्चे टमाटर खाये।
फैटी लीवर होने पर कया खाये और कया ना खाये-
फैटी लीवर होने पर कया खाये और कया ना खाये-
ताजे फल एवं सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें।
अधिक फाइबर युक्त आहार का सेवन करें, जैसे फलियाँ और साबुत अनाज।
•अधिक नमक,ट्रांसफैट, रिफाइन्ड कार्बोहाइड्रेट्स तथा सफेद चीनी का प्रयोग बिल्कुल बंद कर दें।
एल्कोहल या शराब का सेवन बिल्कुल न करें।
भोजन में लहसुन को शामिल करें यह फैट जमा होने से रोकता है।
ग्रीन टी का सेवन करें। शोध के अनुसार लिवर में जमा फैट को कम करती है तथा लिवर के कार्यकलाप को सुधारती है।
तले-भुने एवं जंक फूड का सेवन बदं कर दें।
इन सब्जियों का प्रयोग ज्यादा करें जैसे पालक,ब्रोक्ली, करेला, लौकी, टिण्डा, तोरी, गाजर, चुकंदर, प्याज, अदरक तथा अंकुरित अनाज खाएँ।
राजमा, सफेद चना, काली दाल इन सब का सेवन बहुत कम करना चाहिए तथा हरी मूंग दाल और मसूर दाल का सेवन करना चाहिए।
मक्खन, मेयोनीज, चिप्स, केक, पिज्जा, मिठाई, चीनी इनका उपयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
नियमित रूप से योग और प्राणायाम करें तथा सुबह टहलने जाएँ।
इस तरह इन घरेलू उपायों की मदद से आप फैटी लिवर की समस्या को खत्म या कम तो जरूर कर सकते हैं।
अधिक फाइबर युक्त आहार का सेवन करें, जैसे फलियाँ और साबुत अनाज।
•अधिक नमक,ट्रांसफैट, रिफाइन्ड कार्बोहाइड्रेट्स तथा सफेद चीनी का प्रयोग बिल्कुल बंद कर दें।
एल्कोहल या शराब का सेवन बिल्कुल न करें।
भोजन में लहसुन को शामिल करें यह फैट जमा होने से रोकता है।
ग्रीन टी का सेवन करें। शोध के अनुसार लिवर में जमा फैट को कम करती है तथा लिवर के कार्यकलाप को सुधारती है।
तले-भुने एवं जंक फूड का सेवन बदं कर दें।
इन सब्जियों का प्रयोग ज्यादा करें जैसे पालक,ब्रोक्ली, करेला, लौकी, टिण्डा, तोरी, गाजर, चुकंदर, प्याज, अदरक तथा अंकुरित अनाज खाएँ।
राजमा, सफेद चना, काली दाल इन सब का सेवन बहुत कम करना चाहिए तथा हरी मूंग दाल और मसूर दाल का सेवन करना चाहिए।
मक्खन, मेयोनीज, चिप्स, केक, पिज्जा, मिठाई, चीनी इनका उपयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
नियमित रूप से योग और प्राणायाम करें तथा सुबह टहलने जाएँ।
इस तरह इन घरेलू उपायों की मदद से आप फैटी लिवर की समस्या को खत्म या कम तो जरूर कर सकते हैं।
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