Tittle-शिक्षा का महत्व-
बिना शिक्षा के मनुष्य पशु के समान है हमारी जिंदगी में शिक्षा का कितना महत्व है यह जानना भी बहुत जरूरी है। इंसान को लड़का हो या लड़की उसके जन्म के बाद उसे किस प्रकार की शिक्षा, पढ़ाई और ससंकार दिए जाएं यह सोचना सबसे ज्यादा जरूरी है। अगर बच्चों को शिक्षा के लिए उपदेश ना दिया जाए तो उन बच्चो में और पशुओं में कोई फर्क नहीं रहेगा।शिक्षा और बुद्धि का विकास कैसे करें -
शिक्षा प्रणाली से ही बुद्धि का जन्म होता है जिसको जैसी शिक्षा दी जाएगी उसे जो सिखाया, पढ़ाया, लिखाया जाएगा वह वैसा ही बन जाएगा। इसमें किसी भी प्रकार का शक नहीं है।
शिक्षा हमारे लिए एक तरह से ऐसा हथियार है जिसे हम किसी भी मुसीबत आने पर यूज कर सकते हैं। शिक्षा से ही आत्म ज्ञान और आत्म बल की जागृति होती है बिना शिक्षा के मनुष्य अपने स्वास्थ्य की भी रक्षा नहीं कर सकता। आजकल की शिक्षा प्रणाली हमारे बच्चों को पश्चिमी सभ्यता की ओर ले जा रही है और जो हमारे और हमारे बच्चों के लिए बहुत ही खराब है।
हमारा धर्म, हमारी संस्कृति, हमारी सभ्यता को नष्ट कर रही हैं। हमें सावधान होकर सोचना चाहिए बच्चों को ऊंची शिक्षा अनिवार्य है, मगर साथ-साथ हमारी संस्कृति और धर्म की संपूर्ण जानकारी होना भी और भगवान् के प्रति आस्था हमारे बालकों में होनी चाहिए।
पश्चिमी सभ्यता में 100% अशांति भरी पड़ी है वहां के मनुष्य जीवन की तुलना एक मशीन से की जा सकती है। वहां के लोग सिर्फ अपने लिए सोचते हैं ।उनको दया ,धर्म, कर्तव्य, प्यार, भक्ति और सेवा का कोई ज्ञान नहीं होता। वह तो अपने चारों तरफ के अशांत वातावरण में जी रहे हैं और इसके कारण ही हमारे देश के साधु संत महात्मा के प्रति उनका आकषर्ण बढ़ रहा हैं और उनके दर्शन करने उनकी वाणी सुनने में हमारे देश में आ रहे हैं, और शांति की खोज कर रहे हैं।
स्वामी जी ने कहा कि अज्ञानता के कारण ही मानव दुखी होता है। विद्या से अविद्या का नाश हो जाता है और व्यक्ति संस्कारवान बनता है। विद्या हमें विनय प्रदान करती हैं ।जिस प्रकार फल लगने से वृक्ष झुकता है उसी प्रकार मानव में मानवता आती है।
शिक्षा एक सबसे बड़ा खजाना है -
यह एक ऐसा धन है जिसे जितना खर्च करो उतना ही बढ़ता जाता है।
विद्या धन को ना तो कोई भाई बहन बटवारा सकता है और ना ही कोई चोर चुरा सकता है और ना ही कोई राजा छीन सकता है ।
भगवान प्रभु राम अवतार में विद्या अध्ययन के लिए अपने तीनों भाई लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के साथ गुरु जी के आश्रम में सवा 5 साल की उम्र में चले गए थे और 7 वर्षों तक अपनी शिक्षा का पूरा ज्ञान लेकर 12 साल की उम्र में अपने माता पिता के पास अयोध्या में लौटे थे, जो उनके लिए महलों को छोड़कर इस प्रकार का जीवन जीना काफी कठिन तपस्या थी, पर चाहे पुराने समय रहे हो या आज समय के लिए शिक्षा का होना बहुत जरूरी है।
इसलिए अगर आप बहुत गरीब हैं और अपने बच्चों को शिक्षा का दान नहीं दे सकते तो आजकल ऐसी बहुत सारी संस्थाएं भी खुल रही हैं जो बच्चों को फ्री में पढ़ाती हैं। अपने बच्चों को चाहे आप कपड़े थोड़े कम पहनाओ पर शिक्षा का धन अवश्य दो, क्योंकि यह धन कभी भी खत्म नहीं होता शिक्षा हमारे जीवन का सबसे अनमोल खजाना है जो कभी भी खत्म नहीं होता और बुरा समय आने पर हम उसका इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
Motivational quotes for study-
* अपनी बेटियों को शिक्षा का दहेज दो बाजार की वस्तुओं का नहीं..!!
* शिक्षा एक अनमोल खजाना है जो कभी खत्म नहीं होता ..!!
*शिक्षा हमारे कभी भी किसी भी समय काम आ सकती हैं।
* शिक्षा का ज्ञान पाने के लिए कोई भी उम्र का पाबंदी नहीं है।
* शिक्षा हमें किसी भी मुकाम तक
*शिक्षा हमारे कभी भी किसी भी समय काम आ सकती हैं।
* शिक्षा का ज्ञान पाने के लिए कोई भी उम्र का पाबंदी नहीं है।
* शिक्षा हमें किसी भी मुकाम तक
पहुंचा सकती हैं।
* शिक्षा का कोई भी बहन भाई
* शिक्षा का कोई भी बहन भाई
बंटवारा नहीं करवा सकते।
* शिक्षा एक ऐसा धन है जिसे
* शिक्षा एक ऐसा धन है जिसे
कोई चोर चुरा नहीं सकता।
*शिक्षा का दान देना सबसे उत्तम माना गया है।
*शिक्षा का दान देना सबसे उत्तम माना गया है।
Last alfaaz-
अपने बच्चों को शिक्षा का ज्ञान जरूर दे कयोंकि जब दुनिया में कोई भी साथ न दे तो शिक्षा जरूर साथ देती है।
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