Tittle- रसोई घर के मसाले और उनके गुण-हमारी रसोई घर में बहुत सारे ऐसे मसाले पाए जाते हैं जिनका प्रयोग हम कुछ मात्रा में खाने में करते हैं। हमारी रसोई घर के मसालों में हमारे छोटी-छोटी बीमारियों को दूर करने की कितनी ताकत रखते हैं यह हमें अन्दाजा भी है, क्योंकि यह मसाले हमारे खाने के स्वाद को तो बढाते हैं और साथ में हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी ठीक रखते हैं।
आइए जानते हैं रसोई घर में पाए जाने वाले कुछ ऐसे मसालो के बारे में जो हम प्रतिदिन खाने में यूज करते हैं।
मेथी दाना के लाभ -
मेथी दाना हमारी रसोई घर में बहुत आसानी से पाया जाता है। मेथी हमारे भोजन के स्वाद और सुगंध को बढ़ाती है हमारे भोजन में मेथी की पत्तियां सब्जी के रूप में तथा मेथी के बीज का उपयोग दोनों ही तरह से किया जाता है। मेथी के बीज और मेथी की पत्तियां दोनों ही औषधीय गुणों से संपन्न हैं। यह वात और कफ नाशक मानी जाती है। मेथी वायु नाशक तथा शीतकारी भी होती है। मेेेथी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक है क्योंकि इसमें अनेक बीमारियों से लड़ने के लिए एन्जाइम पाए जाते हैं।
मेथी का काढ़ा एसिडिटी, पेट के छाले और अपेंडिक्स में बहुत लाभदायक है।
कबज , अफारा, गैस पेट दर्द तथा पाचन तंत्र की अन्य कर्मियों को गड़बड़ियों को दूर करने में मेथी बहुत ही ज्यादा सहायता करती है।
• खून की कमी दूर करने के लिए मेथी की सब्जी बहुत ही अच्छी मानी जाती है क्योंकि मेथी में रक्त विकार दूर करने की क्षमता पाई जाती है।
• मेथी के पत्ते के अर्क ग्रहण करने पर मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं और आंखों के नीचे आये हुआ कालापन दूर करने के लिए मेथी के दानों को पेस्ट बनाकर लगाने से कालापन दूर हो जाता है।
• मानसिक तनाव को दूर करने के लिए मेथी का काढ़ा बहुत ही लाभदायक है। यह स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी मेथी के लड्डू सेवन करना लाभदायक है ।इससे दुग्ध उत्पादन की क्षमता में वृद्धि होती है और बच्चे को बाई होने का खतरा नहीं रहता।
• मेथी दाना आरोग्य का खजाना-
मेथी दाना को एक सेहत के लिए खजाने की तरह माना जाता है। जितनी जिसकी आयु हो उतने ही दाने लेकर प्रतिदिन पानी के साथ या फिर रात भर भिगोकर उन अंकुरित दानों को सुबह और रात में खाते रहने से व्यक्ति सदा निरोग और चुसत बना रहेगा, और मधुमेह बीमारी जैसी बीमारी की चपेट में नहीं आएगा।
• मेथी दाना प्रतिदिन खाने से जोड़ों का दर्द घुटनों का दर्द, बलगम जैसी बीमारियां और पाचन आदि रोगों से बचाव करने में बहुत सहायक मानी जाती है।
• जिन लोगों के हाथ पैर सुन होने की समस्या होती हैं, उनके लिए भी मेथी दाने को लेना बहुत ही लाभदायक है, मेथी दाने को विशेष रूप से आवनाशक और पाचन क्रिया सुधारक माना जाता है , इसीलिए शुगर जैसी बीमारी को जड़ से मिटा देने की क्षमता इसमें बताई जाती है।
• महिलाओं में मासिक धर्म की गड़बड़ी को ठीक करने के लिए मेथी दाना लेने की सलाह दी जाती है, क्योंकि मेथी के बीजो में मासिक धर्म की हर तरह की समस्या को दुर करने में सहायक है और यह खून की कमी को दूर करता है।
छोटी इलायची खाने के फायदे -
छोटी इलायची देखने में बहुत छोटी होती है पर इसमें अनेक गुण विद्यमान हैं। केला अगर अधिक मात्रा में खा लिया जाए और हजम नहीं हो रहा हो तो ऐसे में इलायची खा लेनी चाहिए, केला तुरंत हजम हो जाएगा। गैस की परेशानी एवं जी मचलने पर इलायची के चूसने पर आराम मिलता है। खाना खाने के बाद इलायची खाने से भोजन बहुत जल्दी पच जाता है, मुंह की बदबू दूर करने के लिए इलायची खाने से बदबू नहीं आती। शहद में इलायची पीस कर छाले पर लगाने से छाले ठीक हो जाते हैं । इलायची का नियमित सेवन करने से मुँह की दुर्गन्ध भी दूर होती है। अगर अधिक केले खा लिए हो और हजम ना हो रहे हैं तो ऐसे में इलायची का सेवन सबसे बेहतर उपाय माना जाता है, इससे डकारे भी निकल आएगी और केले भी हजम हो जाएंगे।
इलायची दो प्रकार की होती है-
छोटी इलायची, बड़ी इलायची का दोनों का रंग रूप अलग-अलग होता है। बड़ी इलायची हरे रंग की और छोटी इलायची ब्राउन रंग की होती है। बड़ी इलायची मुत्र रोग तथा कणठूनाशक एवं अग्नि वर्धक होती है। शीतोपलादी चूर्ण तथा इलायची का चूर्ण बनाकर शहद के साथ चाटने से कमर दर्द और सूखे रोग में लाभकारी सिद्ध होती है।
*सौफं खाने के फायदे-
भोजन करने के बाद लोग अकसर शौफं के साथ मिश्री के साथ मिलाकर खाना पसंद करते हैं ।अंग्रेजी में इसे फलन नाम से एक प्रसिद्ध मसाला माना जाता है। सौफं को एक अच्छा पाचक माना गया है क्योंकि यह बच्चों को थोड़ी मात्रा में खिलाई जा सकती है । सौंफ खाने से अपच, गैस, कब्ज आदि की शिकायत होने पर एक चम्मच सौंफ को एक कप पानी में अच्छी तरह पकाने से इन रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। खाना खाने के बाद सौफं को चूसना बेहद लाभकारी सिद्ध होता है, क्योंकि इससे सांसो की खुशबू तो आती है साथ में भोजन में आसानी से पच जाता हैं।
औरतों के लिए सौफं मासिक प्रभाव को नियंत्रित करने के अलावा मासिक स्राव के समय में होने वाली पीड़ा को भी कम करती है।ऐसी तकलीफ को दूर करने के लिए दिन में तीन चार बार खानी चाहिए गर्भावस्था में सौफं का नियमित सेवन करने से ऐसा माना जाता है कि बच्चा गोरे रंग का उत्पन्न होता है।
* हिंग खाने के फायदे- हमारी सोई घर में हींग लगभग सभी सब्जियों में डाला जाता है, जिन लोगो के पेट में दर्द रहता है तो ऐसे में हींग को तवे पर सेक ले और गर्म
गर्म पानी के साथ सेवन करें। इसका सेवन करने से तुरंत ही आपको इसका लाभ मिलेगा इनको वायु को खत्म करने वाला माना जाता है। अगर आपको भी पेट में बहुत ज्यादा वायु बनती हैं तो प्रतिदिन आप हींग का सेवन अवश्य करें। अगर छोटे बच्चों के पेट में गैस बनती है तो छोटे बच्चों के नाभि के चारो तरफ हींग का लेप लगाया जाता है ऐसा करने से छोटे बच्चे को बहुत जल्दी हवा पास हो जाती है और उसको राहत मिलती है। यह एक बहुत ही गुणकारी मसाला है।
*लौगं खाने के स्वास्थय लाभ-
लौंग को बराबर मात्रा में पानी में पीसकर खिलाने से बुखार जैसा भयंकर बीमारी नष्ट हो जाती है। लौंग को आग में भूनकर पीसकर शहद में मिलाकर चाटने से काली खांसी नष्ट हो जाएगी।
छोटे बच्चों को अगर पेट दर्द कीड़े होने की शिकायत रहती है तो ऐसे में लौंग का तेल बच्चों को पानी के साथ दें इससे पेट का अफारा भी दूर होगा और साथ में मूत्र संबंधी विकार नष्ट हो जाएंगे।
शरीर में कहीं भी जख्म हो जाने पर लौगं तथा हल्दी को पीसकर लेप करें लौंग को जल में पीसकर मिश्री मिलाकर पीने से दिल की जलन कम हो जाती है। लौंग से बनी गोलियां खाने से कफ खांसी ठीक हो जाती है और कफ बाहर निकल जाता है। कुछ लोग लौंग पीसकर मिश्री की चासनी मिलाकर खाने से गर्भवती स्त्री की उल्टियां बंद हो जाती हैं।
लौग का काढ़ा बनाकर उसमें सेंधा नमक डालकर पीने से अजीर्ण नष्ट होता है और कब्ज भी ठीक हो जाती है।
लौंग को पीसकर मिश्री मिलाकर पीने से दिल की जलन तो कम होती है साथ में इसकी बनी हुई गोलियां खाने से कफ खांसी ठीक होते हैं।
* लौंग को भूनकर पीसकर दंत मंजन बनाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है। यह दानों के भी हर तरह के विकार के लिए बहुत ही उत्तम औषधि मानी जाती है।
*दालचीनी के फायदे-
दालचीनी रसोईघर का बहुत ही कीमती मसाला है। इसके सेवन से भूख में वृद्धि होती है और भोजन जल्दी पच जाता है। दालचीनी का सेवन करने से पेट के अंदर पहले से बढ़ी हुई वायु निकल जाती है। दालचीनी आतं संबंधी रोगों में विशेष रूप से लाभकारी होती हैं। दालचीनी को उबालकर बनाए गए का काढे को पीने से रक्त स्राव बंद हो जाता है और बवासीर में भी है लाभकारी मानी जाती है
* दालचीनी को खांसी दमा उदर रोग के लिए भी सेवन किया जाता है कब के कारण यदि गला बैठ गया हो तो इसका सेवन करने से गला खुल जाएगा यह मुंह की बदबू को भी दूर हो जाती है। इसके सेवन से फेफड़े में जमा हुआ कफ ढीला होकर बाहर निकल आता है
दालचीनी को स्मरण शक्ति के लिए भी बेहतर उपाय माना जाता है अगर व्यक्ति को प्रतिदिन एक चम्मच दालचीनी का पाउडर दिया जाए दालचीनी तनाव को भी कम करती है।
दालचीनी का प्रयोग जिन लोगों के शुक्राणु की संख्या बहुत कम होती हैं उनके लिए भी बहुत लाभदायक मान जाती है इसके लिए आप प्रतिदिन सुबह-शाम इसके चूर्ण का सेवन करें तो आपके शुक्राणुओं में बढ़ोतरी हो जाएगी।
* सुहागा खाने के स्वास्थय लाभ -
सुहागा एक तरह से कठोर पदार्थ जैसा होता है , जो सफेद रंग का और थोड़ा सशक्त दिखते हैं। अगर इसको आग पर भुन लिया जाए तो यह बहुत जल्दी फुल जाता है। फुलने के बाद यह खिल जाएगा। उस का चूर्ण बनाकर 1 ग्राम दिन में दो-तीन बार बच्चों को चटाने से पेट फूलने वाला रोग ठीक हो जाता है और जिन बच्चो दूध निकालने की शिकायत बनी रहती है। उसके लिए यह बहुत बेहतर उपाय माना जाता है। अगर आपको बहुत ज्यादा बोलने या गाना गाने से ठंड लगने से आपकी आवाज बैठ जाती है तो इसके लिए कच्चा सुहागा पीसकर खाने और फिर आवश्यकतानुसार मुंह में रखकर चूसने से बैठी हुई आवाज खुल जाती हैं।
*फिटकरी के लाभ-
फिटकरी एक तरह से हमारे चर्म रोगों के लिए गुणकारी औषधि है। जिन लोगों को दांतों में खून आता हो तो वो फिटकरी का 2 भाग तथा सेंधा नमक का एक भाग मिलाकर बारीक पीसकर पाउडर बना लेना चाहिए। इससे प्रतिदिन सुबह और शाम दांतो पर मंजन की तरह करते रहना चाहिए। यदि आपके कानों में घाव है तो फिटकरी 1 ग्राम पानी में घोलने और उस पानी से पिचकारी द्वारा कान को साफ करने से आपके कान का जो घाव है वह जल्दी ठीक हो जाएगा। यदि खून लगातार बह रहा हो तो खून नहीं रुक रहा हो तुरंत फिटकरी पिसकर उस पर लगा दे । खुन रुक जाएगा।
नकसीर फुटने की समस्या पर या फूट गई है तो फिटकरी को पानी में घोलकर नाक को धोले थोडी देर बाद ही खून आना बंद हो जाएगा।
*अजवाइन के फायदे-
अजवाइन के घर का एक बेहतर मसाला है जो हमारी रसोई घर में बहुत आसानी से पाया जाता है। जिन लोगों को रक्तचाप वाली समस्या बनी रहती हैं ऐसे लोगों को अपनी रोटी में अजवाइन डालकर सेवन करना चाहिए इससे मंद हुइ जटरागनी दीप्त हो जाएगी। जब कच्ची सब्जियां और पक्का केला, गुड, अधिक मीठा खाने से पेट में कीड़े हो जाते हैं ऐसे में अजवाइन का चूर्ण एक चम्मच सुबह शाम दही के साथ लेने से 8-10 दिन में सारे कीटाणु मर जाते हैं और पेट दर्द जैसी समस्या ठीक हो जाती है।
अजवाइन से पेट में बढ़ी हुई वायु भी बाहर निकल जाती है इसका काढ़ा पीने से शराब का पीने की इच्छा कम हो जाती है।
जो लोग ज्यादा शराब पीने के आदी हैं तो ऐसे लोगों को अजवाइन का काढ़ा देना बहुत लाभकारी माना जाता है और अगर शराब पीने की वजह से हाथ कांपने लग जाएंगे तो वह भी इसका काढ़ा पीने से ठीक हो जाते हैं।
जायफल खाने के फायदे -
जायफल 1 ग्राम का चूर्ण शहद में मिलाकर सुबह-शाम चाटने से पाचन शक्ति तेज होती है। तुलसी की पत्ती के साथ जायफल के टुकड़े चबाने से हिचकी बंद हो जाती है। जायफल को पानी के साथ पिसकर इसके लिए को एक चम्मच पानी में घोलकर सुबह-शाम बच्चे को खिलाने से पतले होने वाले दस्त बंद हो जाते हैं। एक गिलास दूध में अदरक का पानी से साफ सुबह शाम जायफल लेने से थकान में होने वाली है बीमारियां दूर हो जाती हैं।
हरड़ के लाभ-
आयुर्वेद में हरड़ को अमृत के तुल्य शुभ माना जाता है। घी के साथ हरड़ का चूण चाटने से हृदय रोग नहीं होता । प्रतिदिन शहद के साथ हरड़ का चूर्ण चाटने पर शक्ति बढ़ती है और सोते समय शक्कर और हरड़ का चूर्ण मिलाकर दूध के साथ लेने से पेट बहुत जल्दी साफ हो जाता है। हरड के चूर्ण को मक्खन मिश्री के साथ चाटने से मेघा शक्ति बढ़ती है और स्मरण शक्ति श्रेष्ठ होती है ।
काली मिर्च के फायदे -
काली मिर्च छोटी होने पर भी अनेक गुणों से भरपूर है। यह हमारे घरेलू चिकित्सक भी है । सर्दी, खांसी, जुकाम होने पर मिसरी या पतासे के साथ दूध में मिलाकर पीने से यह समस्या बहुत जल्दी ठीक हो जाती है। दाद, खाज, खुजली, फोड़े फुंसी आदि के लिए भी कालीमिर्च को पीसकर उस स्थान पर लेप करने से चर्म रोग में लाभदायक सिद्ध होती है ।
यदि आपका गला बैठ गया है तो 8-10 काली मिर्च पानी में उबालें और इस पानी से गरारे करें पानी में काली मिर्च उबालकर उस पानी से कुल्ला करने से मसूड़ों की सूजन कम हो जाती है।
यदि खासी काफी पुरानी हो गई तो काली मिर्ची के साथ-साथ जल्दी आराम मिलेगा। काली मिर्च को पानी में घिसकर बालतोड़ लगाने से ठीक हो जाता है और अगर पेट में कीड़े हैं तो धीरे-धीरे उसको ठीक करती है।
काली मिर्च का उपयोग सबसे ज्यादा अपच के कारण सीने में जलन को दूर करने के लिए होता है, क्योंकि काली मिर्च पाचक रसों को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में निकालने की क्षमता होती है।
काली मिर्च को मट्ठे के साथ लेने से अपच दूर हो जाती है ।
डाकारे या सीने में जलन को दूर करने के लिए एक छोटा चम्मच काली मिर्च का पाउडर और नींबू पानी खोल कर पी लेना चाहिए।
* सेंधा नमक के फायदे-
सेंधा नमक जहां हमारे खाने के स्वाद को बढ़ाता है वह पेट में कीड़े होने पर गाय के घी साथ के साथ लेने से कुछ ही दिनों में कीड़े मर जाएंगे
किसी भी तरह का जहरीली मधुमक्खी, बिच्छू के डंक मारने पर जरा सा पानी मिलाकर सेंधा नमक को रगड़ने से जलन शांत हो जाती है और सूजन नहीं आती। जिस व्यक्ति को सिर दर्द हो रहा उसे एक चुटकी नमक जुबान पर रख लेना चाहिए वह 10 मिनट पश्चात एक गिलास पानी पी लेने से उसे का दर्द छूमंतर हो जाएगा।
चमनप्राश खाने के फायदे -
चमनप्राश को ऋषि खाकर वृद्धावस्था में जवान हो गए थे इसलिए इसका नाम चमनप्राश पड़ा। एक व्यक्ति को वर्ष में 7 किलोग्राम चमनपरास खाने से वह रसायन व वाजीकरण का कार्य करता है वृद्धावस्था को दूर करता है। शरीर में होने वाले रोगों से लड़ने की क्षमता पैदा करता है यह शरीर के लिए श्रेष्ठ और औषधि मानी जाती है। इसका सेवन वीर्य विकार, टीवी, स्वपनदोष वात ,पित्त, शुक्र रोग, रक्तपित्त, बाबासीर शारीरिक दुर्बलता को दूर करने के लिए शरीर में स्फूर्ति के लिए कांति एवं उसकी वृद्धि के लिए इसमें प्रधान द्रव्य आंवला होने से यह शरीर में विटामिन सी की कमी से होने वाले रोगों को दूर करता है।यह रक्त का प्रसाधन करता है, अमल को दूर करता है पाचन क्रिया को सुचारू करके शरीर को स्फूर्ति दायक बनाता है।
*त्रिफला के फायदे -
त्रिफला पेट को साफ करने के लिए बहुत ही अच्छी औषधि मानी जाती है। त्रिफला को हम चूर्ण बनाकर पानी के साथ लेने से कई तरह की बीमारियों से हमारा शरीर लड़ने लायक हो जाता है। बिना कुछ खाए पिए ताजे पानी के साथ एक बार लेना चाहिए 1 घंटे के बाद तक कुछ भी नहीं खाना चाहिए। कितनी मात्रा में लिया जाए इसका भी विधान है। जितनी उम्र हो उतनी ही रती लेना चाहिए, परंतु एक बात का ध्यान रहे त्रिफला के सेवन से एक ज्यादा सेवन से आप को दस्त भी हो सकते हैं इसलिए इससे घबराना नहीं चाहिए।
त्रिफला का सावन और भादो मास में सेंधा नमक के साथ लेना चाहिए ।
त्रिफला के सेवन से शरीर ओतप्रोत रहता है और बाल काले होने लगते हैं। यह बालों के लिए भी बहुत अच्छा उपाय माना जाता है त्रिफला के सेवन से इंसान की मनोवृतिया स्वस्थ तथा सात्विक हो जाती हैं।
* हल्दी के उपाय ---
हल्दी को रसोईघर की रानी माना जाता है। यह विवाह जैसे मांगलिक अवसरों पर भी हल्दी को ऊबटन से दुल्हन है दुल्हन का श्रृंगार किया जाता है। शादी में दूल्हे की पीठ पर हल्दी का लेप लगाने का एक अपना अलग ही महत्व है। शरीर में चर्म रोगों से बचाती है बल्कि रक्त को शुद्ध करती हैं और खांसी, जुकाम ,कोविड-19 से हमे लड़ने की ताकत देती है। कच्ची हल्दी का रस 10 ग्राम लेकर उसमें उतना ही शहद मिलाकर चाट लेने से खांसी सर्दी खांसी जुकाम जैसी समस्या नहीं होती हल्दी को एंटीसेप्टिक माना जाता है।
परिवार नियोजन के लिए भी हल्दी को एक विशेष औषधि माना गया है। मासिक धर्म के दौरान अगर स्त्री एक चम्मच पिसी हल्दी को ऊपर से पानी ले तो पूरे माह तक गर्भवती होने का खतरा नहीं रहता।
प्रत्येक माह में ऐसा करने से लंबे समय तक आप गर्भवती होने से बच सकते हो।
दांतों में कीड़ा लगने तो हल्दी को गाँठ को भूनकर और दांत के गड्ढे में भर देता के कीड़े से निजात मिलती है और दर्द में आराम होता है।
हल्दी की गांठ रगड़ कर एक्जिमा वाले स्थान पर लगाने से दाग दूर हो जाता है और दाढ़ी बनाने के बाद पिसी हल्दी को पानी में घोलकर लगाने से चेहरा नरम मुलायम हो जाता हैं। हल्दी एक तरह से प्राकृतिक एंटीसेप्टिक का काम करती है।
निष्कर्ष-
इस लेख के माध्यम से हमने आपको मसालों को बताने की कोशिश की है, क्योंकि एक लेख के माध्यम से सारे रसोईघर के औषधि के बारे में बतानानामुमकिन है। इसलिए आपके साथ जानकारी अच्छी लगी हो तो तो शेयर जरूर करें ।
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