फिल्म की कहानी-
इस फिल्म में दिल्ली में रहने वाले दो ऐसे लड़का-लड़की की है कहानी है, जिनका आपस में कुछ भी मैल नहीं है और ये दो कलाकार हैं रॉकी रंधावा (रणवीर सिंह) और रानी चटर्जी (आलिया भट्ट). रॉकी शहर के सबसे बड़े मिठाई वाले खानदान का बचचे है। तड़कते-भड़कते कपड़े पहनने वाला पंजाबी रॉकी प्रोटीन शेक लेकर बल्ले-शल्ले बनाने मे जुटा रहता है। अंग्रेजी उसे दुर दुर तक नहीं आती और जनरल नॉलेज से उसका दूर -दूर का ही वास्ता नहीं है। वह एक joint family में रहता है, जहां घर ही नहीं बल्कि मिठाई के बिजनेस पर भी राज करने वाली उसकी सख्त दादी धनलक्ष्मी (जया बच्चन), दादी के इशारों पर चलने वाला पिता तिजोरी (आमिर बशीर), याददाश्त गंवा चुके शायर दादा (धर्मेंद्र), पति को परमेश्वर मानने वाली मां, मोटापे का शिकार बहन हैं। वहीं दूसरी तरफ रानी पढ़े-लिखे बंगाली परिवार से आती है। जो खुद एक न्यूज एंकर है। उसके पिता (टोटा राय चौधरी) कथक डांसर हैं ।
इस फिल्म में दिल्ली में रहने वाले दो ऐसे लड़का-लड़की की है कहानी है, जिनका आपस में कुछ भी मैल नहीं है और ये दो कलाकार हैं रॉकी रंधावा (रणवीर सिंह) और रानी चटर्जी (आलिया भट्ट). रॉकी शहर के सबसे बड़े मिठाई वाले खानदान का बचचे है। तड़कते-भड़कते कपड़े पहनने वाला पंजाबी रॉकी प्रोटीन शेक लेकर बल्ले-शल्ले बनाने मे जुटा रहता है। अंग्रेजी उसे दुर दुर तक नहीं आती और जनरल नॉलेज से उसका दूर -दूर का ही वास्ता नहीं है। वह एक joint family में रहता है, जहां घर ही नहीं बल्कि मिठाई के बिजनेस पर भी राज करने वाली उसकी सख्त दादी धनलक्ष्मी (जया बच्चन), दादी के इशारों पर चलने वाला पिता तिजोरी (आमिर बशीर), याददाश्त गंवा चुके शायर दादा (धर्मेंद्र), पति को परमेश्वर मानने वाली मां, मोटापे का शिकार बहन हैं। वहीं दूसरी तरफ रानी पढ़े-लिखे बंगाली परिवार से आती है। जो खुद एक न्यूज एंकर है। उसके पिता (टोटा राय चौधरी) कथक डांसर हैं ।
read more- omg 2 review in hindi
रानी की मां (चुरनी गांगुली) और दादी जामिनी (शबाना आजमी भी हैं जो अपने दादा कंवल के अतीत की लव स्टोरी के कारण वह रानी से मिलता है और उस वक्त रानी को रॉकी किसी दूसरी दुनिया से आया हुआ एलियन लगता है। इन दोनों को पता चलता है कि कंवल और जामिनी किसी जमाने में एक-दूसरे से मोहब्बत करते थे। रॉकी रानी और उसकी दादी की मदद से अपने दादा की खोई हुई यादयाशत वापिस लाने की कोशिशों में लग जाता है। इनकी मुलाकातों का सिलसिला बढ़ जाता है और रॉकी रानी कभी प्यार में पड़ जाते है, मगर रानी समझती है कि यह केवल शारीरिक आकर्षण है, फिर उसे रॉकी के प्यार का एहसास भी हो जाता है, मगर अब उनके सामने एक सबसे बड़ी समस्या है परिवारों के बीच का कलचर डिफरेंस, जिसे मिटाने के लिए वे तय करते हैं रानी तीन महीने रॉकी के घर रहेगी और रॉकी उतने ही समय रानी के घर। दोनों के इस एक्सचेंज प्लान का क्या हाल होगा यह सब जानने के लिए आपको फिल्म देखने लिए सिनमा घर,तक जाना होगा।
रानी की मां (चुरनी गांगुली) और दादी जामिनी (शबाना आजमी भी हैं जो अपने दादा कंवल के अतीत की लव स्टोरी के कारण वह रानी से मिलता है और उस वक्त रानी को रॉकी किसी दूसरी दुनिया से आया हुआ एलियन लगता है। इन दोनों को पता चलता है कि कंवल और जामिनी किसी जमाने में एक-दूसरे से मोहब्बत करते थे। रॉकी रानी और उसकी दादी की मदद से अपने दादा की खोई हुई यादयाशत वापिस लाने की कोशिशों में लग जाता है। इनकी मुलाकातों का सिलसिला बढ़ जाता है और रॉकी रानी कभी प्यार में पड़ जाते है, मगर रानी समझती है कि यह केवल शारीरिक आकर्षण है, फिर उसे रॉकी के प्यार का एहसास भी हो जाता है, मगर अब उनके सामने एक सबसे बड़ी समस्या है परिवारों के बीच का कलचर डिफरेंस, जिसे मिटाने के लिए वे तय करते हैं रानी तीन महीने रॉकी के घर रहेगी और रॉकी उतने ही समय रानी के घर। दोनों के इस एक्सचेंज प्लान का क्या हाल होगा यह सब जानने के लिए आपको फिल्म देखने लिए सिनमा घर,तक जाना होगा।
रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' का रिव्यू - इस फिल्म में निर्देशक के रूप में करण अपनी भव्यता का दामन नहीं छोड़ते। फिल्म की शुरुआत ही चकाचौंध वाले गाने से होती है, जिसमें वरुण धवन, जान्हवी कपूर, सारा अली खान, अनन्या पांडे नजर आते हैं। मगर जैसे -जैसे कहानी आगे बढ़ती जाती है, परतदार होती जाती है। कहानी में रोमांस, सास-बहू ड्रामा, भव्य सेट, चुटीले और मजेदार संवाद, किरदारों के कमाल-कमाल के कॉस्टयूम, साज-सज्जा सभी कुछ है, मगर इस बार करण ने जो नई चीज की है, वो है किरदारों और सिचुएशंस के जरिए मसलों को उठाना। अब जैसे घर पर भले धनलक्ष्मी जैसी महिला ही सर्वेसर्वा हैं, मगर कहीं न कहीं वो भी पुरुष प्रधान सोच की मारी है। कैंसल कल्चर और जजमेंट पास करने जैसी धारणाओं पर भी उनके किरदार बात करते हैं। फिल्म कल्चरल डिफरेंस के कारण एक-दूसरे को हीन समझने के रवैये को दर्शाती है।
फिल्म की खूबीया।
रणवीर सिंह इस बार अपने पूरे फॉर्म में हैं। वे एनर्जी और अलबेले पन से भरे हुए चिरपरिचत अंदाज में हैं, मगर यह सब उनको बहुत सूट करता है। अपनी परवरिश के कारण पनपी परंपरागत सोच से अनजान एक मस्तमौला के किरदार को उन्होंने खूबसूरती से अदा किया है, मगर जब उनके किरदार का दौर आता है, तो वे उसे भी भावनात्मक होकर निभा लेते हैं। साउथ दिल्ली की सोफिस्टिकेटेड और पढ़ी-लिखी बॉलड गर्ल को आलिया ने आत्मविश्वासी होकर अंजाम दिया है। आलिया केंद्रीय भूमिका में हैं और कहानी के हर बिंदु पर बहुत अचछे से निभाती है वह एक बेहतरीन अदाकारा है। एकटिग के मामले में चाहे महिलावादी दृश्य हों या पारिवारिक दृश्य हर जगह वे अव्वल रहती हैं। उनकी और रणवीर की केमेस्ट्री फिल्म का प्लस पॉइंट साबित होती है। दादी धनलक्ष्मी के रूप में जया बच्चन भरपूर मनोरंजन करती हैं। अहंकारी,कुंठित और कुटिल महिला के किरदार को उन्होंने दमदार ढंग से निभाया है। धर्मेंद कंवल भी अपनी छोटी-सी भूमिका में दिल जीत लेते हैं। शबाना आजमी धर्मेंद्र के साथ की प्रेम कहानी को बहुत ही खूबसूरत अंदाज में आगे बढ़ाती है। प्रेम के त्रिकोण में जया-धर्मेंद्र-शबाना तीनों ही सशक्त साबित हुए हैं। आमिर बशीर, टोटा रॉय चौधरी, चुरनी गांगुली, नमित दास, क्षिति जोग, अंजलि आनंद जैसे सभी सहयोगी कलाकारों ने बढ़िया अभिनय किया है।
अगर आप भी इस तरह की फिल्म देखकर मनोरजन करना चाहते हैं तो तो ऐसे फिल्म को जरूर देखने जाये। रह भरपुर मसाला और मनोरंजन वाली एक बेहतरीन फिल्म है।
0 टिप्पणियाँ