धनतेरस पर पुजा कैसे करे- हमारे हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। इस दिन हम सब अपने घरों को दीपक और आजकल बिजली की बहुत ही सुन्दर लड़ियां लगाकर घर को रोशन किया जाता है। दिवाली के त्यौहार को एक तरह से उत्सव की तरह मनाया जाता है। यह त्यौहार धनतेरस से लेकर भैया दूज तक चलते हैं। सबसे पहले धनतेरस मनाई जाती है आईए जानते हैं इसके बारे में थोड़ा विस्तार से की धनतेरस का त्यौहार क्यों मनाया जाता है और इसकी पूजा किस प्रकार करें, और धनतेरस के भगवान कौन हैं और इस दिन बर्तन खरीदने का क्या महत्व है।
*धनतेरस का महत्व-
इस साल धनतेरस 10 नवंबर 2023 के दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन लोग खासकर सोना ,चांदी व बर्तन की खरीदारी करने पर बहुत जोर देते हैं। ऐसी धारणा है कि धनतेरस के दिन आप जो भी सामान खरीदेंगे उससे आप के जीवन में दुगना वृद्धि होने की संभावना होती है। यह त्यौहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है। हमारे धर्म के अनुसार इस दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था इसलिए इस धनतेरस कहा जाता है।
इस दिन माता लक्ष्मी, कुबेर और गणेश जी की भी पूजा करनी चाहिए। धर्म के अनुसार हमारे देवता ऐसा करने से प्रसन्न होते हैं और हमें खुश होकर आशीर्वाद देते हैं, साथ में हमारे घर में धन-धान्य ,वैभव सुख शांति और समृद्धि की वृद्धि होती है।
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*धनतेरस का त्यौहार क्यों मनाया जाता है-धनतेरस दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है जैसे धन और तेरस जिसका मतलब होता है धन का 13 गुना बढ़ जाना, शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के समय कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान धन्वंतरि के हाथों में कलश लिए हुए समुद्र से प्रकट हुए थे और ऐसी धारणा है कि भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु का ही रूप माना जाता है।
भगवान धनवंतरि ने ही संसार में चिकित्सा विज्ञान का प्रचार और प्रचार किया था खासकर आयुर्वेदिक चिकित्सा का, इस दिन को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
इसलिए धनतेरस का त्योहार पर बहुत ज्यादा लोग शॉपिंग करते हैं ।अगर आप भी इस दिन कुछ खरीदना चाहते हैं तो ऐसी मानता है वह आपके जीवन में दुगना होकर मिलेगा इसलिए जितना हो सके आप अपने बजट के अनुसार इस दिन खरीदारी करें।
*धनतेरस पर किस भगवान की पूजा होती है -
धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है साथ में माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की भी पूजा अर्चना करना अति उत्तम माना जाता है। ऐसा कहा जाता है धनतेरस पर माता लक्ष्मी की विधि अनुसार पूजा करने से धन-धन्य की कभी कमी नहीं होती और साथ में परिवार में सुख शांति बने रहती है और जहां पर सुख और शांति है वहां पर कभी धन की कमी नहीं हो सकती । ऐसा माना जाता है जिस घर में शांति है वहां मां लक्ष्मी अपने आप निवास करती है।
*भगवान धनवंतरी कौन है और किसके अवतार माने जाते हैं -
हम सभी जानते हैं भगवान विष्णु ने कई बार अवतार लिए हैं , विष्णु जी को ही धनवंतरी का अवतार माना जाता है और ऐसा कहा जाता है भगवान धन्वंतरि देवताओं के लिए वैध माने जाते हैं, इसलिए स्वास्थ्य लाभ के लिए भी भगवान धनवंतरि की पूजा करना अति शुभ माना जाता है, क्योंकि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है अगर स्वास्थ्य सही नहीं है तो जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं लग सकता।
*धनतेरस पर बर्तन क्यों खरीदे जाते हैं-
धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की ऐसी मानयता है कि भगवान धन्वंतरि जन्म के समय अपने हाथों में कलश लिए हुए उतपन्न हुए थे इसी कारण इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा चली आ रही है। अगर हो सके तो आप भी इस दिन एक नया बर्तन जरूर खरीद कर लाएं।
*धनतेरस पर क्या नहीं खरीदें-
धनतेरस के दिन अगर हो सके तो कांच के बर्तन, सरसों का तेल इन चीजों की खरीदारी से बचें। अगर आपको सरसों के तेल या कांच के बर्तनों को खरीदना है तो एक या दो दिन पहले इन चीजों के खरीदारी करे धनतेरस पर इनकी खरीदारी करने से सावधान रहें।
*धनतेरस पर पूजा कैसे करें -
धनतेरस की शाम सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती हैं उनकी मूर्ति को या तो स्नान कराया जाता है या फिर गंगाजल छींटा दिया जाता है, गणेश जी को लाल कपड़े के आसन पर बिठाया जाता है और गणपति को मीठा भोग लगाया जाता है। धूप दीप जलाएं, मूर्ति को भोग अर्पित करें। गणेश जी के लिए मंत्र जाप करें और धनतेरस पूजा विधि शुरू करने के लिए उनका आशीर्वाद पाने के लिए भगवान को घर पर स्थाई निवास करने के लिए पार्थना करे।
धनतेरस के दिन भगवान कुबेर की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन धूप दीप, और फल मिठाई चढ़ाने के भगवान बाद भगवान कुबेर के पूजा करें।
धनतेरस पर लक्ष्मी की पूजा कैसे करें -
धनतेरस पर लक्ष्मी की पूजा का भी विशेष महत्व बताया जाता है। इस समय प्रदोष काल के दौरान होता है जो सूर्यास्त के बाद आता है और लगभग ढाई घंटे तक रहता है। देवी लक्ष्मी की मूर्ति की पूजा को अलावा आप श्री महालक्ष्मी यंत्र की भी पूजा कर सकते हैं। लक्ष्मी देवी को प्रसन्न करने के लिए यह एक शक्तिशाली उपाय हैं। पूजा शुरू करने से पहले चौकी या अपने घर के मंदिर में एक नया लाल रंग का कपड़ा बिछाये और साथ में एक कटोरी अनाज या चावल के रखें और अगर हो सके सोने या चांदी के बना हुआ सिक्का भी रखें। अब गंगाजल से धोकर उसमें एक सुपारी, एक फूल, चांदी का सिक्का और कुछ दाने चावल मां लक्ष्मी के सामने रखे। कलश पर आम के पत्ते रखें। कलश या धातु का बर्तन रखें और उसमें चावल के भर दे। चावल के दोनों के ऊपर थोड़ी हल्दी भी लगा दे। इस प्रकार धनतेरस पर मां लक्ष्मी, गणपति और कुबेर देवता की पूजा करने का महत्व होता है।
*धनतेरस पर यम दीपक क्यू जलाया जाता है-
इस दिन यम के नाम से एक विशेष दीपक सरसों के तेल का एक बडा मिट्टी का दीपक घर के आगे यमदीप के नाम का जलाया जाता है। इस दिन यह दीपक जलाने से हमारे देवता प्रसन्न हो जाते हैं और हमें अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु होने का आशीर्वाद देते हैं। यह दीपक यमराज को खुश करने के लिए भी जलाया जाता है ताकि वह हमें दुर्घटना आदि से बचा कर रखें। इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से और दीपदान करने से अकाल मृत्यु को टाला जा सकता है। इस वजह से धनतेरस के दिन यम के नाम का एक दीपक जलाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन एक दीपक जलाने से आकाल मृत्यु का डर नहीं रहता । इसी वजह से धनतेरस के दिन यम नाम का एक दीपक रखा जाता है।
यह दीपक अपने घर का गंदा पानी निकलने वाली नाली के आसपास रखा जाता है और दीपक रखने का समय 6 बजे के बाद ही माना जाता है।
निष्कर्ष-
धनतेरस के त्यौहार को त्रयोदशी के दिन मनाया जाने की परंपरा हमारे भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से चली आ रही है। इस दिन भगवान धन्वंतरि के हाथों में अमृत कलश लेकर धरती पर प्रकट हुए थे तभी से यह त्यौहार मनाया जा रहा है।
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