Home remedies for Health fitness- छोटी-छोटी बीमारियों के लिए कुछ घरेलू उपाय- आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताने की कोशिश करेंगे कि कुछ उपाय करके हम अपनी छोटी समस्या को घर बैठे ठीक कर सकते हैं, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक क्षमता अलग-अलग होती है। कुछ लोगों को जड़ी बूटियां से लाभ मिल जाता है कुछ को नहीं। यह एक सामान्य जानकारी है।
छोटी-छोटी बिमारियों के लिए घेरेलू उपाय-
हिचकी कैसे बन्द करें-
1. ऐसी स्थिति में मस्तिष्क को शान्त करने वाले उपचार और वायु को नष्ट करने वाली विभिन्न औषधियां हितकारी प्रभाव करती हैं , जिनमें लौंग को भूनकर मुंह में रखकर चूसनी चाहिए ।
2. तुलसी के पत्तों का रस 10 ग्राम 5 ग्राम शहद में मिलाकर सेवन करने से हिचकी की विकृति नष्ट होती है ।
3. मूली के ताजे कोमल पत्ते खाने या मूली के पत्तों का रस 10 ग्राम पीने से हिचकी की विकृति नष्ट होती है ।
4. राई एक तोला पानी में पीसकर छानकर पिलायें । हिचकी चाहे । जिस कारण भी आ रही हो , इसके प्रयोग से बन्द हो जायेगी ।
5. मोरपंख को जलाकर दो रत्ती की मात्रा से दिन में तीन बार गुड़ या गन्ने के रस के साथ सेवन करना चाहिए ।
6. 10 ग्राम गुड़ में थोड़ी - सी हिंग मिलाकर खाने से हिचकियां बंद होती हैं ।
यह भी पढ़े- त्रिफला खाने के फायदे7. कागजी नीबू के 10 ग्राम रस में शहद और थोड़ा - सा नमक मिलाकर चाटने से वायु का परिवर्तन होने से हिचकी बंद होती है ।
● नकसीर के लिए घरेलू उपाय-
1. मुलतानी मिट्टी 10 ग्राम लेकर कूट लें और पानी ( एक प्याला ) मैं भिगोने रख दें । सुबह ऊपर का पानी पीने को दें तथा बैठी मिट्टी को माथे पर लगाएं ।
2. कच्ची मूली का 30 ग्राम रस पिलाने से खून का बहना बंद होता है । मूली के रस में दस ग्राम मिश्री मिलाकर भी दे सकते हैं ।
3. 200 ग्राम आंवलों को पीसकर सिर पर मोटा - मोटा लेप करने से रक्तस्त्राव की बीमारी खत्म होती है । 25 ग्राम मिश्री में आंवले के 50 ग्राम रस को मिलाकर पीने से भी लाभ होता है ।
4. सूखा आंवला 25 ग्राम पानी में भिगोने रख दें । सुबह छान पर पानी पिएं तथा आंवलों को पीस कर तालु - माथे पर लेप करें ।
5. दही की लस्सी पिलाने से रक्तस्त्राव नहीं होता ।
6. नारियल का पानी 100 ग्राम दिन में कई बार पिलाने से नाक से रक्त का बहने की बीमारी नहीं हो पाती । गर्मी की ऋतु में यह अधिक गुणकारी चिकित्सा है ।
7. अनार का रस रक्तस्त्राव को बंद करने में बहुत गुणकारी होता है । अनार का रस 100 ग्राम मात्रा में नकसीर के रोगी को कुछ दिनों तक पिलाने से रक्तस्त्राव नहीं होता है ।
8. माजूफल को बारीक पीस कर सुंघने से नकसीर बंद हो जाती है ।
● लू लगना से कैसे बचाव करें-
1. पोदीने का अर्क 15 मि.लि. इतने ही जल में मिलाकर पीने से लू में लाभ पहुंचता है ।
2. आलू बुखारे को गर्म पानी में थोड़ी देर रखें । फिर उन फलों को पानी में मसलकर छानकर , थोड़ा - सा सेंधा नमक मिलाकर पीने से लू की बीमारी ठीक होती है ।
3. दो ग्राम जीरे का चूर्ण प्याज को पीसकर उसमें मिलाकर थोड़ी- सी मिश्री के साथ रोगी को खिलाने से लू के प्रकोप में बहुत लाभ होता है ।
4. लू के शिकार स्त्री - पुरुष को सबसे पहले सिर से पांव तक ठण्डे पानी से अच्छी तरह स्नान कराना चाहिए । सिर पर देर तक पानी डालना चाहिए ।
5. तुलसी के पत्तों का 20 ग्राम रस मिश्री मिलाकर चटाने से लू के प्रकोप से सुरक्षा होती है ।
6. कच्चे आम को गर्म राख में भूनकर , उसके गूदे को पानी में थोड़ी - सी शक्कर मिलाकर पिलाने से लू का प्रकोप नष्ट होता है ।
7. ग्रीष्म ऋतु में दिन में कई बार नमक डालकर लस्सी का सेवन करने से लू से सुरक्षा होती है ।
8. सफेद जीरा 3 ग्राम , पोदीने की लगभग 20 पत्तियां और 2 लौंग मिलाकर सबको पीसकर पानी में घोलकर , छानकर पीने से लू के रोगी की बेचैनी नष्ट होती है ।
कब्ज के लिए घरेलू उपाय-
1. अमलतास की गिरी चार तोला को रात के समय पानी में भिगो कर रखें । सवेरे छानकर चीनी दो तोला मिला कर पियें । कब्ज दूर हो जाएगा ।
2. इंद्रायन का गूदा तीन माशे दूध में पीस कर छानकर पीने से कब्ज दूर हो जाता है ।
3. रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद एक गिलास ताजे पानी में मिलाकर पीजिये ।
4. एक नींबू काट कर रात को ओस में रख दें । सवेरे इसकी शिकंजवी बना लें , इसे पीने से कब्ज दूर होती है ।
5. यदि खाना न पचता हो , भूख न लगती हो , खाने के बाद खट्टी डकारें आती हों तो भोजन के दस मिनट पूर्व आधा नींबू अदरक तथा नमक के साथ खायें ।
1. सेंधा नमक , कबीला , हरड़ और वायविडंग बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बनाकर 3 ग्राम तक चूर्ण दही के साथ खाने कीड़े नष्ट होते हैं ।
2. चम्पा के फूलों का 10 ग्राम रस शहद मिलाकर खाने से नष्ट होते हैं ।
3. लहसुन और गुड़ बराबर मात्रा में मिलाकर खाने से कीड़े नष्ट होते हैं ।
4. नीम की छाल को पीसकर चूर्ण बनाकर दो ग्राम चूर्ण हींग और शहद मिलाकर सेवन करने से कीड़े नष्ट होते हैं ।
5. आंत्रकृमियों को नष्ट करने के लिए पानी और फल - सब्जियो की सफाई पर बहुत ध्यान देना चाहिए , क्योंकि फल - सब्जियों को जब सलाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है तो कीड़े धूल- मिट्टी व दूषित पानी के साथ शरीर में पहुंच जाते हैं ।
6. टमाटर को काटकर काली मिर्च का चूर्ण और सेंधा नमक मिलाकर खाने से कीड़े समाप्त होते हैं । टमाटरों के रस में काली है । मिर्च का चूर्ण और सेंधा नमक मिलाकर पीने से भी लाभ होता
7. पलाश के बीजों का रस चावल की मांड के साथ पीने से कीड़े समाप्त होते हैं । इस रस को दही के साथ भी सेवन करें ।
● मुंहासे के लिए घरेलू उपाय-
1. लाल चंदन को भैंस के दूध में घिसकर चेहरे पर लेप करने से मुंहासों की बीमारी दूर होती है ।
2. अनार की छाल , अमलतास की छाल , लोध्र , नागरमोथा और हल्दी को पीसकर पानी में मिलाकर चेहरे पर लेप करने से कुछ ही दिनों में मुंहासे नष्ट होते हैं ।
3. पीली सरसों , मसूर की दाल , सेमर के कांटे , चिरौंजी और बादाम की गिरी बराबर मात्रा में लेकर पीसकर रात को थोड़े - से दूध में मिलाकर चेहरे पर लेप करने से मुंहासे नष्ट होते हैं ।
4. मसूर की दाल , हरे मटर , सरसों , संतरे के छिलके पीसकर चेहरे पर लेप करने से मुंहासे शीघ्र नष्ट होते हैं ।
5. मंजीठ , अर्जुन की छाल और वासा की छाल को पीसकर शहद मिलाकर लेप करने से मुंहासे दूर होते हैं ।
6. नीबू के रस में कलौंजी के चूर्ण को पीसकर चेहरे पर लेप करने से मुंहासों कम होने लगते हैं ।
7. नीबू का रस गिलोय के रस में मिलाकर चेहरे पर मलने से मुंहासे नष्ट होते हैं और चेहरे का सौंदर्य आकर्षण विकसित होता है ।
8. नीम की छाल को पानी में पीसकर या पत्थर पर घिसकर लेप करने से मुंहासे प्राकृतिक रूप से नष्ट होते हैं । चेहरे पर निशान भी नहीं रहते ।
● गंजापन को कैसे ठीक करें -
1. तम्बाकू के फूलों को पीसकर करंज के तेल में मिलाकर लेप करने से धीरे - धीरे गंजेपन की बीमारी नष्ट होती है ।
2. हाथी के दांतों को जलाकर बनाई भस्म और रसौत बराबर मात्रा में लेकर बकरी के दूध में मिलाकर सिर पर लेप करने बाल फिर उगने लगते हैं ।
3. आंवला , रीठा और शिकाकाई को बराबर लेकर पीसकर पानी में रात को भिगोकर रखें और प्रातःकाल सिर धोने से बालों के गिरने की बीमारी नहीं होती ।
4 भिलावे के तेल में थोड़ा - सा शहद मिलाकर सिर पर लेप करने से गंजापन नष्ट होता है और नए बालों की उत्पत्ति होने लगती है ।
5 अनंतमूल का चूर्ण 5 ग्राम प्रतिदिन पानी के साथ सेवन करने से गंजापन दूर होता है ।
6. अपामार्ग के पत्तों को कड़वे तेल में जलाकर गंजेपन में सिर पर लगाने से बाल फिर उगने लगते हैं ।
7 नीम का तेल , नारियल के तेल में मिलाकर कुछ दिनों तक गंजेपन की जगह मलने से बाल फिर से उगने लगते हैं ।
8. इंद्रायण की जड़ को गोमूत्र में पीसकर सिर पर लेप करने से गंजेपन से नष्ट बाल फिर उग आते हैं ।
* मुंह के छाले के लिए घरेलू उपाय -
1. शहद को पानी में डाल कर गरारा व कुल्ला करने से मुंह के छाले हो जाएंगे ।
2. चमेली व तुलसी की पत्ती चबाने से एक ही दिन में छाले ठीक हो जाते है।
3. उल्टे तवे की कालिख उंगली के साथ छालों पर लगाने से आराम आ जाता है ।
4. रात को सोते समय जीभ पर मलाई का लेप करने से सुबह तक सभी छालें जड़ से खत्म हो जाएंगे ।
● काली खांसी -
1. केले के पत्ते को जलाकर राख बनायें यह राख एक- एक रती बच्चे को बतायें , इसके कुछ दिन प्रयोग से बच्चे की काली खांसी ठीक हो जाती है ।
2. काली बकरी का दूध 100 ग्राम से 250 ग्राम तक दो सप्ताह तक पिलाने से काली खांसी ठीक हो जाती है ।
3. भटकटैया के रेशों को छाया में सुखाकर 3-4 पेन रेशे तीन ग्राम शहद में मिलाकर दिन में 5-7 बार चाटने से काली खांसी में आराम होता है । बच्चों को सिर्फ 1 पेन की मात्रा में दवा दें ।
4. दही 2 चम्मच चीनी 1 चम्मच , काली मिर्च का चूर्ण 6 ग्रेन मिला कर चाटने से बच्चों की काली खांसी मिट जाती है ।
कब्ज के लिए घरेलू उपाय -
1. अरंडी का तेल छह माशा दूध में घोलकर दें इससे दस्त साफ हो जाएंगे । भीतरी इलाज के लिए भुना हुआ सुहागा एक रत्ती दें अथवा अजवायन , सौंफ एक - एक तोला , सुहागा भुना हुआ , काला नमक , तीन - तीन माशा - सबको बारीक पीस - छान कर दो रत्ती तक पानी में घोलकर पिलायें ।
● टांसिल के लिए घरेलू उपाय-
1. शहतूत की पत्तियां , एरण्डी और निर्गुण्डी तीनों को दस - दस ग्राम लेकर 400 ग्राम पानी में उबालकर उसकी भाप लेने से टांसिल ठीक होता है ।
2. लोबिया 100 ग्राम पानी में उबालकर हल्का गर्म - गर्म पीने से टांसिलों में बहुत लाभ होता है । पीड़ा और सूजन नष्ट होती है ।
3. आक के 10 ग्राम दूध में 3 ग्राम सेंधा नमक पीसकर गले पर लेप करने से सूजन का प्रकोप नष्ट होता है ।
4. चमेली के 100 ग्राम पत्ते 300 ग्राम पानी में उबालकर गरारे करने से टांसिलों की दर्द नष्ट होती है ।
5. शहतूत के 100 ग्राम पत्तों को 300 ग्राम पानी में उबालकर गरारे करें ।
Disclaimer-
यह सब उपाय आयुर्वेद के अनुसार लिखे गए हैं इसमें हमारा खुद को कोई योगदान नहीं है यह सिर्फ एक सामान्य जानकारी है अगर आपकी समस्या बहुत ज्यादा गंभीर है तो इसके लिए अपने नजदीकी डॉक्टर से सलाह अवश्य करें
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