ब्रह्मांड के अद्भुत और रोचक तथ्य: ब्लैक तारे, होल्स और खगोलीय रहस्य

ब्रह्माण्ड के बारे में रोचक तथ्य-

ब्रम्हांड के बारे में एक लेख के माध्यम से  विस्तार से बता पाना किसी के लिए भी संभव नहीं है। ब्रह्मांड एक विशाल और रहस्यमयी जगह है जो असीमित तारों, ग्रहों, गैलेक्सियों, और अन्य खगोलीय पिंडों से भरा हुआ है। इसकी जटिलता और विशालता वैज्ञानिकों को आश्चर्यचकित करती है। ब्रह्मांड में विशाल तारे हैं, जैसे एंटेयर्स, जो सूर्य से कई गुना बड़े होते हैं, और ब्लैक होल्स, जिनका गुरुत्वाकर्षण इतना प्रबल होता है कि वे प्रकाश को भी निगल सकते हैं। इसके अलावा, चंद्रमा की सतह पर उल्कापिंडों के टकराने से बने गड्ढे, मंगल ग्रह पर स्थित विशाल ज्वालामुखी, और पृथ्वी पर प्रतिक्षण चमकती बिजली जैसे अनगिनत अद्भुत घटनाएं हैं। ये सभी तत्व ब्रह्मांड की अनोखी और रहस्यमयी दुनिया की झलक प्रस्तुत करते हैं, जिससे हमें इसके बारे में और जानने की प्रेरणा मिलती है।


ब्रह्मांड और  रोचक तथ्य-


विशालतम (Antares star) का व्यास 42 करोड़ किमी. है। यह सूर्य के व्यास से लगभग 300 गुना अधिक बड़ा है।


ब्लैक होल-

 साइंस  और  वैज्ञानिको ने ब्लैक होल्स का पता लगाया है। इनके अंदर गुरुत्वार्कषण बल होल अधिक होता है कि यह ब्रह्माण्ड की किसी भी वस्तु को निगल सकता है। यहां तक कि यह किसी गुजरते हुए तारे और उसके प्रकाश को भी निगल जाता है। यदि एक किलोग्राम वजन की एक पुस्तक किसी ब्लैक होल से 6 मी. दूरी पर रखी जाए, तो उसका भार कई करोड़ टन हो जाएगा। भार की यह वृद्धि गुरुत्व बल के कारण ही होती है।


चंद्रमा की सतह के गड्ढे -

चंद्रमा की सतह पर विभिन्न आकारों के अनेक गड्ढे हैं, जिनमें से कुछ का व्यास तो 250 किमी. तक है। इन गड्डों का निर्माण बहुत समय पहले उल्का पिण्डों के टकराने से हुआ था।


बिजली कड़कना-क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि विश्व में प्रतिक्षण 1,800 बार बादलों को गर्जन होती है और इन गर्जनों में प्रति मिनट 6,000 बार बिजली चमकती है।


सबसे बड़ा ज्वालामुखी-

हमारी धरती पर अनेक ज्वालामुखी फटे हैं और फटते रहते हैं, लेकिन सौर परिवार का सबसे बड़ा ज्वालामुखी मंगल ग्रह के चंद्रमा ओलंपस पर है। यह 600 किमी. चौड़ा और 24,000 मी. ऊंचा है। यह एवरेस्ट पर्वत से भी 3 गुना अधिक ऊंचा है।


सूर्य की अपनी परिक्रमा-

सूर्य भी आकाशगंगा की परिक्रमा करता है। इसे आकाशगंगा के केंद्र की एक परिक्रमा में 22 करोड़ वर्ष का समय लगता है। अब तक सूर्य ने उसकी केवल 20 परिक्रमाएं की हैं।


प्राकृतिक विद्युत घर -

क्वासर्स नामक तारे विशालकाय विद्युत उत्पादन केंद्र हैं। वे एक प्रकाश वर्ष दूरी से इतन विद्युत पैदा करते हैं, जितनी सैकड़ों मंदाकिनियां (Galaxies) करती हैं।


वर्षा का सागर-

 वर्षा का सागर (Sea of Rains) हमारे चंद्रमा पर स्थित है। आश्चर्य की बात यह है इसमें एक बूंद भी पानी नहीं है।



आकाशीय मिसाइल-


30 जून, 1908 की सुबह साइबेरिया की स्टोनी तुंगुस्का (Stony Tunguska) नदी के ऊपर आकाश में अत्यंत चमकीले आग के एक गोले का विस्फोट हुआ। यह विस्फोट 12 मैगाटन बम के समतुल्य था। 30 किमी. दूरी तक यह आग का गोला पेड़ों से टकराया और सारे जंगल में इससे आग लग गई। भूकंप की भांति इससे प्रघाती तरंगें (Shock waves) पैदा हो गई। ऐसा अनुमान है कि यह गोला किसी धूमकेतु के सिर का एक हिस्सा था, जिसका व्यास 100 मी. और वजन लगभग 10 लाख टन था।


हैली धूमकेतु-

हैली धूमकेतु एक प्रसिद्ध पुच्छलतारा है। यह प्रत्येक 76 वर्ष बाद आकाश में दिखाई देता है। अभी कुछ वर्ष पहले यह सन् 1986 में देखा गया था।


अंतरिक्ष में ठहरने का रिकॉर्ड-अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में सामान्यतः कुछ दिन ठहरते हैं, लेकिन रूस के वैले रामिन (Valley Ryumin) ने अंतरिक्ष में ठहरने का एक रिकॉर्ड स्थापित किया। वे सैल्यूत 6 में 362 दिनों तक अंतरिक्ष में रहे।


सूर्य का जीवन-काल-सूर्य की आयु लगभग 5 अरब वर्ष है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अभी इसका जीवन 5 अरब वर्ष और बाकी है अर्थात् अभी इसकी आधी उम्र ही पूरी हुई है।


बृहस्पति ग्रह-

बृहस्पति ग्रह एक ऐसा विचित्र ग्रह है, जो अधिकांशतः गैसों से ही बना है।

साइरस-

साइरस तारे को डॉग स्टार (Dog star) कहते हैं।


अंतरिक्ष में जाने वाला प्रथम जीव-

अंतरिक्ष में जाने वाला प्रथम जीव लाइका (Laika) नामक एक कुतिया थी। यह 3 नवंबर, 1957 को रूस के स्पुतनिक नामक उपग्रह से अंतरिक्ष में भेजी गई थी।


देवता के नाम पर ग्रह का नाम-सौर परिवार के सबसे विशाल ग्रह बृहस्पति का नाम रोम के देवता जूपीटर (Jupiter) के नाम पर रखा गया है। 

सूर्य का आकार-धरती से देखने पर सूर्य छोटा लगता है, किंतु इसका आकार इतना विशाल है कि हमारी 100 पृथ्वी इसमें समा सकती हैं।

चंद्रमा की चट्टान का टुकड़ा-

वाशिंगटन के गिरजाघर में चंद्रमा की चट्टान की एक चकती कांच की खिड़‌की में रखी है। यह वैज्ञानिकों और तकनीशियनों को समर्पित की गई है। इस चट्टान को अपोलो यान के यात्री सन् 1969 में धरती पर लाए थे।


उल्टी दिशा में घूमने वाला ग्रह-सौर परिवार के सभी उपग्रह पश्चिम से पूरब की दिशा में घूमते हैं, लेकिन शुक्र एक ऐसा ग्रह है, जो पूरब से पश्चिम दिशा में घूमता है।


सबसे तेज घूमने वाला उपग्रह-

हाल ही में खोजा गया बृहस्पति का एक उपग्रह इतनी तीव्रता से भ्रमण करता है कि इसे एक चक्कर लगाने में केवल 7 घंटे का समय लगता है। यह सौर परिवार में सबसे तीव्र गति से परिक्रमा करने वाला उपग्रह है।


उल्का- 7.5 करोड़ से भी अधिक उल्काएं रोजाना हमारे वायुमंडल में प्रवेश करती हैं, लेकिन धरती पर गिरने से पहले ही वे वायुमंडल के घर्षण के कारण भीषण गर्मी से झुलसकर राख हो जाती हैं।

आग का गोला-

1974 में सुमावा नामक स्थान के ऊपर चंद्रमा से लगभग 10,000 गुना अधिक चमक वाले आग के गोले  का फोटो लिया गया था।


मंगल ग्रह-

मंगल को लाल ग्रह का नाम दिया गया है, क्योंकि इसकी सतह का रंग लाल है।


अंतरिक्ष में बातें करना-

जिस प्रकार हम धरती पर एक-दूसरे से बातें कर सकते हैं, उस प्रकार अंतरिक्ष में बातें करना संभव नहीं है। इसका कारण यह है कि अंतरिक्ष में कोई माध्यम नहीं है और बिना माध्यम के ध्वनि तरंगें संचरित नहीं होतीं।

उल्का वर्षा-

नवंबर, 1966 की घटना है। तब लगभग 20 मिनट तक अमेरिका में उल्काओं को बरसात हुई थी। उस बरसात में 2,300 उल्काएं प्रतिमिनट की दर से धरती पर गिरी थीं।


उल्का के टकराने से बना गड्डा-अंटार्कटिका में एक विशाल उल्का के टकराने से एक ऐसा गड्डा बना, जिसका व्यास 241 किमी. तथा गहराई 805 मी. है।


सबसे अधिक ग्रहण-

अब तक एक वर्ष की अवधि में सबसे अधिक सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण सन् 1935 में रिकॉर्ड किए गए थे। उस वर्ष पांच सूर्यग्रहण और दो चंद्रग्रहण लगे थे।


प्लूटो-नौ ग्रहों में प्लूटो सबसे छोटा और सबसे ठंडा ग्रह है।


चंद्रमा की सबसे प्राचीन चट्टान-

 अंतरिक्ष यात्रियों ने चंद्रगा से अनेक चट्टानों के नमूने लाए हैं। ऐसा अनुमान है कि वे चटाने  472 करोड़ वर्ष पुरानी हैं।

साइरस-

 नामक तारा सूर्य से भी अधिक चमकीला है। वास्तव में इस तारे के बराबर कोई भी तारा चमकीला नहीं है।


ध्रुवतारा -

घुर्वतारा या पोलेरिस हमेशा ही उत्तरी आकाश में एक ही स्थान पर दिखाई देता है। इस का कारण यह है कि यह उत्तरी ध्रुव के लगभग ठीक ऊपर है।


स्पेस शटल का मूल्य-

स्पेस शटल कार्यक्रम का मूल्य लगभग नौ अरब डॉलर है। यह मूल्य धरती के प्रत्येक पुरुष, स्त्री और बच्चे पर दो डॉलर खर्च करने के समतुल्य है। एक नए स्पेस शटल यान का मूल्य 60 करोड़ डॉलर लगभग आता है।


सूर्य और चंद्रमा पर वजन-

60 किग्रा. भार के एक व्यक्ति का भार चंद्रमा पर केवल 10 किलोग्राम होगा, लेकिन सूर्य पर 1,680 किग्रा. भार होगा। (इसका कारण यह है कि चंद्रमा पर घरती की तुलना में गुरुत्व बल छठवां भाग है, जबकि सूरज पर 28 गुना अधिक है।

निष्कर्ष-

हम यह समझ सकते हैं कि ब्रह्मांड एक अद्वितीय और रहस्यमय स्थान है, जो अनगिनत जटिलताओं और विस्मयकारी घटनाओं से भरा हुआ है। विशाल तारे, जैसे एंटेयर्स, और प्रबल गुरुत्वाकर्षण वाले ब्लैक होल्स, ब्रह्मांड की विशालता और शक्ति का उदाहरण देते हैं। चंद्रमा की सतह के गड्ढे, मंगल ग्रह का विशाल ज्वालामुखी, और पृथ्वी पर बिजली की चमक जैसी घटनाएं ब्रह्मांड की विविधता को दर्शाती हैं। इन सबके बीच, वैज्ञानिकों का प्रयास लगातार ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने और नई खोजें करने का है। ये तथ्य हमें यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि हमारा स्थान इस विशाल ब्रह्मांड में कितना छोटा है और हमें इसके बारे में और अधिक जानने की कितनी आवश्यकता है। विज्ञान और अनुसंधान के माध्यम से, हम ब्रह्मांड की गहरी समझ प्राप्त कर सकते हैं और इसकी अनंत संभावनाओं की खोज कर सकते हैं। ब्रह्मांड के बारे में कुछ भी लिखना एक इंसान की समझ से परे है शायद कोई धरती ऐसा इंसान होगा जब पूरे ब्रह्मांड के बारे में सब कुछ बता सकता है। यह एक बहुत बड़ा रहस्य है हम सबके लिए। 




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