Motivationl story in hindi | बुरे समय को कैसे दूर करें | समय का महत्व।

Motivationl story in hindi-

कभी-कभी किसी इंसान के लिए कोई एक विचार और या फिर कोई कहानी जिंदगी में बदलने का मुख्य रोल निभा देती है। आज हम अपनी कहानियों के माध्यम से आपको ऐसे ही प्रेरित करना चाहते हैं। 

इंसान अपनी जिंदगी में जो कुछ पाना चाहता है और बहुत प्रयास करने के बाद भी अगर उसको कुछ नहीं मिलता तो जानकार लोग यही सलाह देते हैं कि एक बार और प्रयास किया जाए क्योंकि समय में वो ताकत है कि जो इंसान भाग्य बदल सकता है।  इन दोनों कहानियों में मेहनत और समय के ऊपर शिक्षा दी गई है क्योंकि कभी-कभी किसी इंसान के लिए कोई एक विचार और कोई कहानी किसी की जिंदगी बदल सकती है। आईए जानते हैं इन दोनों की कहानियों को कहानियों का सार कया है।


Motivationl story-

Tittle- बुरा समय क्यों आता है

एक बार की बात है, एक जंगल में एक मूर्तिकार ध्यान से अपने काम में व्यस्त था। रास्ते में उसकी नजर एक बहुत ही सुंदर पत्थर पर पड़ी। वह पत्थर देखकर उत्साहित हो गया और सोचने लगा कि इससे एक अद्वितीय और शानदार मूर्ति बनाई जा सकती है।

मूर्तिकार ने अपने थैले से सारे सामान निकाला और पत्थर के पास रुक गया। उसने हाथौड़े और छीनी से पत्थर पर काम शुरू किया। धीरे-धीरे पत्थर की धारा को सहलाते हुए, वह उसे आकर्षक और जीवंत मूर्ति में बदलने का प्रयास कर रहा था।

इसी बीच, एक और पत्थर उसके सामने आ गया और कहा, "मुझे छोड़ दो, तुम्हें मेरी जरुरत नहीं है।" मूर्तिकार ने बिना किसी सवाल के उसे छोड़ दिया और अपने काम में लग गया।

थोड़ी देर बाद उसे दोबारा एक और पत्थर दिखाई दिया। वह पत्थर भी काफी विशाल और सुंदर था। मूर्तिकार उसे देखकर वहीं रुक गया और उस पर काम शुरू कर दिया।

उसने अपनी कला का पूरा जोर लगाया और कुछ ही समय में उस पत्थर से एक बेहद सुंदर और जीवंत मूर्ति बना ली। मूर्ति बनाने के बाद, वह जंगल के रास्ते से गाँव की ओर चला गया।

गाँव वालों ने उससे कहा, "हमारे गाँव में एक नया मंदिर बना है, और हमें उसके लिए भगवान की एक मूर्ति चाहिए। क्या तुम हमें एक मूर्ति बना सकते हो?" मूर्तिकार ने उत्साहित होकर कहा, "मैंने अभी अभी जंगल में एक मूर्ति बनाई है। तुम लोग उसे ले आओ।"

लोग खुशी-खुशी जंगल में गए और उस मूर्ति को ले आये, और मंदिर में स्थापित कर दिया। मूर्ति स्थापित करने के बाद, लोग बोले, "हमें अब नारियल फोड़ने के लिए एक पत्थर और चाहिए।" मूर्तिकार ने उत्साह से कहा, "जंगल में एक पत्थर और है। मैंने उसे वहीं छोड़ दिया था। तुम उसे ले आओ।"

कुछ लोग वहाँ गए और उस पत्थर को ले आये। यह घटना देखकर मूर्तिकार के मन में एक सवाल उठा - "जिन पत्थरों के साथ मैंने काम किया, उन्हें जीवंत मूर्ति में बदला गया, और दूसरे पत्थर पर नारियल फोड़े जा रहे हैं। फिर भी, यहाँ कैसे अंतर हुआ?"

मूर्ति बने पत्थर ने उत्साहित होकर कहा, "हम दोनों में कोई फर्क नहीं है, बल्कि फर्क तुम्हारे और मेरे द्वारा लिए गए फैसलों का है। अगर उस दिन तुमने जंगल में मेरे साथ पहला वार सही लिया होता, तो आज मेरी भी पूजा होती। मैं आपको यह समझाना चाहता हूँ कि आपके द्वारा लिए गए फैसले ही आपके आने वाले कल के बारे में बताएंगे। सोच-समझकर ही फैसला लें, क्योंकि ये आपके भविष्य को स्पष्ट करेंगे।"

कहानी का मोरल:

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमारे जीवन में आने वाली मुश्किलें और बुरे समय हमें उसके लिए तैयार करती हैं जो हम अपनी पहली बार में नहीं समझ पाते हैं। हमें हमेशा अपने कार्य में उत्साह और मेहनत से काम करना चाहिए, बिना डरे-डर के। जीवन में हर पत्थर हमें कुछ सिखाता है, और हमें यह समझना चाहिए कि उन परिस्थितियों को अपने फैसलों से हमें बदलना है, जो हमारे भविष्य को परिभाषित करते हैं।

Second story (2)

 शीर्षक: -"बुरे समय का सामना कैसे करें"

इसान के पास एक बुढ़ा घोड़ा था। बुढ़ा होने के कारण, वह इंसान अपने सारे काम उस घोड़े की मदद से ही करता था। एक दिन, वह घोड़े के साथ घर जा रहा था जब रास्ते में एक गहरा गड्ढा आ गया। उसका पैर फिसलकर गड्ढे में गिर गया और वहां से बाहर नहीं निकल पाया। उसने बहुत कोशिश की, लेकिन उसे बाहर आने में सफलता नहीं मिली।

इसके बाद उसने हार मानकर गड्ढे के किनारे बैठ गया। धीरे-धीरे, उसने समझा कि उसे अपनी मदद स्वयं ही करनी होगी। वह गड्ढे में मिटटी डालने लगा ताकि उसके पैरों के नीचे बढ़ाव हो सके। शुरुआत में उसे यह अहसास नहीं हुआ कि इससे उसके घोड़े के लिए कुछ बदलाव आएंगे। परंतु, जैसे-जैसे वह मिटटी डालता गया, उसे समझ आया कि उसका प्रयास फल देने वाला है।

थोड़ी देर बाद, उसने गड्ढे को मिटटी से भर दिया और उसके घोड़े को बाहर निकाल लिया। उसका मालिक भी हैरान था कि कैसे उसने इस कठिनाई का सामना किया और अंततः उसने उसे पार किया।


* समय के लिए महान लोगो के सुविचार-

• समय को नष्ट करने के बजाय उसे अपना प्रेमी बनाइए। - फ्रेंकलिन


• खोया हुआ धन परिश्रम से पुनः प्राप्त किया जा सकता है। विद्या भी पुनः अध्ययन कर प्राप्त की जा सकती है। नष्ट स्वास्थ्य औषधियों के प्रयोग से पुनः प्राप्त हो जाता है। परन्तु नष्ट हुआ "समय" पुनः प्राप्त नहीं होता, वह सदा- सदा के लिए समाप्त हो जाता है। - स्वेट मार्डेन


• "जिस समय को अन्य व्यक्ति जनता के दिखावे और शारीरिक तथा मानसिक विश्राम में व्यय कर देते हैं, वही समय मैं तत्व-ज्ञान के चिन्तन और अध्ययन में लगाता हूँ।" - सिसरो


संत नागरीदास कहते हैं कि अवसर के बिना अच्छी बात भी बुरी लगती है अर्थात् हर कार्य उचित समय पर ही अच्छा लगता है। उचित समय ना हो, तो भला काम भी भला नहीं लगता, जैसे सुबह होने पर दीपक की लौ फीकी लगने लगती है। यदि आप सही समय पर सही फैसला लेने से चूक जाते हैं, तो मौका आपके दरवाजे पर फिर कभी दस्तक नहीं देगा।-अज्ञात 


* एक समय में एक काम करो ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब भूल जाओ। - स्वामी विवेकानंद


• जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो ठीक उसी समय उसे करना ही चाहिए नहीं तो लोगों का विश्वास उठ जाता है।

- स्वामी विवेकानन्द

* अगर वक्त कठिन है, तो समझदार व्यक्ति रास्ता ढूँढेगा और कायर व्यक्ति बहाने बनाएगा।


* दूसरों की गलतियों से सीखो, अगर अपने ही अनुभवों से सीखोगे तो तुम्हारी आयु कम पड़ जाएगी, अतः समय की रफ्तार भी देखो।- चाणक्य नीति

* इंतजार करने वालों के लिए 'समय' बहुत धीमा है, डरने वालों के लिए बहुत तेज है, जश्न मनाने वालों के लिए बहुत लम्बा है और जो प्यार करते हैं उनके लिए 'समय' शाश्वत है। -  विलियम शेक्सपियर


इस कहानी का सार : बुरे समय में, हमें हिम्मत और संघर्ष की आवश्यकता होती है। हमें अपने प्रयासों में हार नहीं माननी चाहिए, बल्कि उसे परिवर्तन के लिए उपयुक्त ढंग से प्रयास करना चाहिए। जीवन के हर गड्ढे से हमें सीखना चाहिए और उन्हें अपने फायदे के लिए परिवर्तित करना चाहिए।






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