राम दरबार की पूजा: नियम और विधि | घर में राम दरबार स्थापित करने के फायदे और पूजा विधि

मंदिर में राम दरबार का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस घर के मंदिर में राम दरबार होता है, वहां हमेशा सकारात्मकता बनी रहती है। ऐसे घरों में कभी भी नकारात्मकता नहीं आती और परिवार के सदस्यों में हमेशा प्यार और एकता बनी रहती है। घर के मंदिर में राम दरबार स्थापित करने से कुंडली में मौजूद ग्रह दोष भी दूर होते हैं, और व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। कई लोग त्योहारों और शुभ अवसरों पर भी राम दरबार लगाते हैं, और इस दौरान यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि राम दरबार का विधि-विधान से पूजन किया जाए।

भगवान राम की महिमा-

भगवान राम, जिन्हें रामचंद्र भी कहा जाता है, हिंदू धर्म के सबसे revered देवताओं में से एक हैं। उन्हें विष्णु के सातवें अवतार के रूप में पूजा जाता है। भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था, और वे राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र हैं। उनकी पत्नी, सीता, और भाई, लक्ष्मण और भरत, उनके सबसे करीबी सहयोगी माने जाते हैं। रामायण, जो कि एक प्राचीन भारतीय महाकाव्य है, भगवान राम के जीवन और उनके गुणों की कहानी को प्रस्तुत करता है।



महिमा

  1. धर्म का पालन: भगवान राम को धर्म का आदर्श उदाहरण माना जाता है। उन्होंने अपने जीवन में हमेशा सत्य, न्याय, और धर्म का पालन किया। उन्हें 'रामराज्य' का प्रतीक माना जाता है, जो आदर्श शासन और सामाजिक न्याय का प्रतिनिधित्व करता है।

  2. सीता का पतिव्रत धर्म: भगवान राम और माता सीता का संबंध पति-पत्नी के आदर्श उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। सीता के प्रति भगवान राम की निष्ठा और प्रेम उनकी महानता को दर्शाता है। उनका वनवास और सीता का अपहरण उनके साहस और धैर्य की गाथा है।

  3. लक्ष्मण और हनुमान की मित्रता: भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण और भक्त हनुमान के साथ मिलकर रावण का वध किया। हनुमान की भक्ति और लक्ष्मण का साहस उनके प्रति भगवान राम की महिमा को और बढ़ाते हैं।

  4. सच्चाई और कर्तव्य: भगवान राम का जीवन सच्चाई और कर्तव्य का पालन करने का एक अद्भुत उदाहरण है। उन्होंने अपनी व्यक्तिगत इच्छाओं के लिए अपने कर्तव्यों का पालन किया, जैसे कि अपने पिता के वचन का सम्मान करते हुए 14 वर्षों का वनवास स्वीकार करना।

  5. आध्यात्मिक प्रेरणा: भगवान राम को न केवल एक आदर्श राजा के रूप में देखा जाता है, बल्कि वे एक महान गुरु और आध्यात्मिक मार्गदर्शक भी हैं। उनके उपदेश और शिक्षाएं जीवन में सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं।

घर के मंदिर में राम दरबार के नियम-

  • नियमित पूजा: राम दरबार का रोजाना विधि-विधान से पूजन करें।

  • हनुमान जी की उपस्थिति: राम दरबार में भगवान राम के भक्त हनुमान जी भी उपस्थित होने चाहिए।

  • पूर्व दिशा: घर के मंदिर में राम दरबार को हमेशा पूर्व दिशा में लगाना चाहिए, जिसे शुभ माना जाता है।

  • सभी सदस्यों का योगदान: घर में लगे राम दरबार के दर्शन और पूजा सभी परिवार के सदस्यों को करनी चाहिए।

  • पहनावे का ध्यान: राम दरबार में भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण जी और हनुमान जी को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें।

  • चौकी पर स्थापना: राम दरबार को हमेशा किसी चौकी पर लाल रंग के वस्त्र बिछाकर स्थापित करें।

घर में राम दरबार संगमरमर की मूर्ति रखने के फायदे

हिंदू परिवारों में देवी-देवताओं की मूर्तियों की पूजा श्रद्धा के साथ की जाती है, और राम दरबार की मूर्ति विशेष रूप से महत्वपूर्ण और पवित्र मानी जाती है। इसमें भगवान राम, माता सीता, भाई लक्ष्मण, और वफादार भक्त हनुमान की संगमरमर की मूर्तियाँ होती हैं। यह मूर्ति पारिवारिक प्रेम, ईश्वर के प्रति समर्पण, और वफादारी का प्रतीक है। राम दरबार का चित्रण एक ऐसे परिवार का है, जहाँ हर सदस्य एक-दूसरे के प्रति प्रेम और देखभाल रखता है।

भगवान राम शांति, तर्क, साहस, और अच्छे शासन के प्रतीक हैं, जबकि भगवान हनुमान शक्ति, उत्साह, ज्ञान, और खुशी के प्रतीक माने जाते हैं। राम दरबार की मूर्ति आपके परिवार को भगवान राम और हनुमान का आशीर्वाद, माता सीता का स्नेह, और लक्ष्मण की सुरक्षा प्रदान कर सकती है।

आपके घर में राम दरबार संगमरमर की मूर्ति के फायदे:

  • अच्छा स्वास्थ्य: यह मूर्ति आपके परिवार को स्वस्थ रखने में मदद कर सकती है और बीमारियों से बचा सकती है। नियमित पूजा से चमत्कारिक परिणाम मिल सकते हैं।

  • मन की शांति: भगवान राम विपरीत परिस्थितियों में भी शांत रहने की प्रेरणा देते हैं, जिससे मन को शांति और परिवार में सामंजस्य मिलता है।

  • सफलता: राम-सीता की मूर्ति सफलता का प्रतीक है; नियमित पूजा से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त हो सकती है।

  • प्रसिद्धि और भाग्य: यह मूर्ति धन और संपत्ति लाने में सहायक होती है और लक्ष्मी के आशीर्वाद को सुनिश्चित करती है।

  • रोग सुरक्षा: यह बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करती है और परिवार को नकारात्मकता से बचाती है।

  • ज्ञान की प्राप्ति: हनुमान जी की उपस्थिति आध्यात्मिक ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करती है 

 राम पूजन विधि कैसे करें-

  1. सफाई: सबसे पहले राम दरबार को गंगा जल से साफ करें।

  2. पंचामृत अर्पण: यदि घर में पीतल या चांदी का राम दरबार स्थापित कर रहे हैं, तो पहले इसे दूध अर्पित करें, फिर दही, घी, गंगा जल, और शहद अर्पित करें।

  3. पूजा की शुरुआत: भगवान राम जी के आगे पुष्प, रोली और अक्षत से पूजा प्रारंभ करें। इस दौरान धूप, बत्ती, और दीप जलाएं।

  4. आरती: इसके बाद आरती का आयोजन करें।

  5. प्रसाद: अंत में प्रसाद ग्रहण करके पूजा समाप्त करें। रोजाना पंचोपोचार विधि से उनकी पूजा करें।

निष्कर्ष-

भगवान राम की महिमा केवल उनके द्वारा किए गए कार्यों में नहीं है, बल्कि उनके आदर्शों और जीवन जीने के तरीके में भी है। वे सत्य, न्याय, प्रेम, और बलिदान के प्रतीक हैं। उनका जीवन हमें सिखाता है कि कठिनाईयों का सामना कैसे किया जाए और किस प्रकार अपने कर्तव्यों का पालन किया जाए। भगवान राम की भक्ति और उनके प्रति श्रद्धा आज भी करोड़ों भक्तों में जीवित है, जो उन्हें अपने जीवन का आदर्श मानते हैं।




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